250 Hindi muhavare with meanings and sentences | Idioms in hindi

250 Hindi muhavare with meanings and sentences | Idioms in hindi

What is muhavare?

हिंदी मुहावरे (Hindi Idioms) हमारे भाषा-संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं। ये शब्दों के ऐसे समूह होते हैं जिनका अर्थ उनके शाब्दिक अर्थ से अलग और गहरा होता है।
मुहावरों का प्रयोग वाक्यों को रोचक, प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाता है। उदाहरण के तौर पर — “नाक में दम करना” का अर्थ है “तंग करना”, न कि सचमुच किसी की नाक को पकड़ना।

हिंदी मुहावरे हमें लोक जीवन, अनुभव और सामाजिक व्यवहार की गहराई का परिचय कराते हैं।
इस पोस्ट में आपको मिलेंगे 250 लोकप्रिय हिंदी मुहावरे उनके Meaning (अर्थ) और Sentences (वाक्य) सहित, ताकि आप इन्हें अपनी लेखन या बोलचाल में सही तरीके से प्रयोग कर सकें।

250 Hindi muhavare with meanings and sentences  Idioms in hindi
250 Hindi muhavare with meanings and sentences Idioms in hindi

हिंदी मुहावरों की परिभाषा (Definition of Hindi Idioms)

मुहावरे वे वाक्यांश हैं जिनका अर्थ उनके शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यह भाषा में गहराई, व्यंग्य और सौंदर्य लाते हैं।

हिंदी मुहावरे हमारी भाषा को जीवन्त बनाते हैं। ये केवल शब्द नहीं, बल्कि संस्कृति और अनुभव का प्रतीक हैं।
अगर हम इन्हें सही तरह से समझकर बोलचाल और लेखन में प्रयोग करें, तो हमारी अभिव्यक्ति प्रभावशाली और आकर्षक बन जाती है।
इस लेख में दिए गए 250 Hindi Muhavare with Meanings and Sentences आपकी शब्दावली को समृद्ध करने में मदद करेंगे।

हिंदी व्याकरण:- मुहावरे और उनके अर्थ—परीक्षा मे अक्सर पूछे जाने वाले मुहावरे

🌸 मुहावरे और उनके वाक्य (Idioms with 3 Sentences Each)

10 lokoktiyan in hindi with sentences

10 Idioms in hindi


1️ नाच नचानातंग करना

  1. वह अपने छोटे भाई को हर दिन नाच नचाता है।
  2. बच्चों ने पूरे मोहल्ले वालों को नाच नचा दिया।
  3. वह अपने कर्मचारियों को यूँ नाच नचाता है जैसे मालिक हो।

2️ पेट में चूहे कूदनाबहुत भूख लगना

  1. सुबह से कुछ नहीं खाया, अब तो पेट में चूहे कूद रहे हैं।
  2. स्कूल से लौटते ही बच्चे बोले – “माँ, पेट में चूहे कूद रहे हैं!”
  3. पूरे दिन काम करने के बाद भूख से पेट में चूहे कूदने लगे।

3️ पट्टी पढ़ानागलत सलाह देना

  1. उसने अपने दोस्त को गलत पट्टी पढ़ा दी।
  2. कोई उसे पट्टी पढ़ा रहा है कि वह सबको छोड़ दे।
  3. तुम बच्चों को ये कैसी पट्टी पढ़ा रहे हो?

4️ पहाड़ टूट पड़नाविपत्ति आना

  1. पिता की मौत की खबर सुनकर उस पर पहाड़ टूट पड़ा।
  2. अचानक नौकरी जाने से उसके ऊपर पहाड़ टूट पड़ा।
  3. बाढ़ ने गाँव पर मानो पहाड़ तोड़ दिया।

5️ पौ बारह होनाखूब लाभ होना

  1. त्यौहार के सीजन में दुकानदारों की पौ बारह हो गई।
  2. वेतन बढ़ते ही उसकी पौ बारह हो गई।
  3. लॉटरी लगने से उसकी पौ बारह हो गई।

6️ पाँचों उंगलियाँ घी मेंपूरा फायदा होना

  1. नौकरी लगने के बाद उसकी पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।
  2. मालिक की मेहरबानी से सबकी पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।
  3. उसे इतना लाभ हुआ कि पाँचों उंगलियाँ घी में डूब गईं।

7️ पगड़ी रखनाइज्जत बचाना

  1. उसने अपने दोस्त की पगड़ी रख ली।
  2. आप मेरी पगड़ी रख लीजिए, मैं झूठ नहीं बोलूँगा।
  3. उसने परिवार की पगड़ी बचा ली।

8️ फूलनाफलनातरक्की करना

  1. उसका कारोबार दिन-दूनी रात-चौगुनी फूला-फला।
  2. बेटे के विदेश जाने के बाद घर फूला-फला।
  3. मेहनती व्यक्ति का जीवन हमेशा फूलता-फलता है।

9️ बरस पड़नागुस्सा निकालना

  1. गलती करते ही माँ उस पर बरस पड़ी।
  2. शिक्षक विद्यार्थियों पर बरस पड़े।
  3. बॉस मीटिंग में सब पर बरस पड़ा।

🔟 बाँसों उछलनाबहुत खुश होना

  1. इनाम जीतते ही वह बाँसों उछल गया।
  2. पिता के आने की खबर सुनकर बच्चे बाँसों उछल पड़े।
  3. अच्छे परिणाम देखकर वह बाँसों उछल गया।

11️ बाजी मारनाजीतना

  1. उसने प्रतियोगिता में बाजी मार ली।
  2. सबकी मेहनत के बावजूद वही बाजी मार गया।
  3. उसने बुद्धिमानी से खेलकर बाजी मार ली।

12️ बट्टा लगानाकलंक लगाना

  1. गलत कामों ने उसके नाम पर बट्टा लगा दिया।
  2. रिश्वत लेने से पूरे विभाग पर बट्टा लग गया।
  3. धोखाधड़ी करने से परिवार का नाम खराब हुआ।

13️ बाजार गर्म होनातेजी आना

  1. शादी के सीजन में कपड़ों का बाजार गर्म है।
  2. चुनाव की घोषणा से राजनीतिक बाजार गर्म हो गया।
  3. त्योहारों के दिनों में मिठाई का बाजार गर्म रहता है।

14️ बाँछे खिलनाअत्यधिक प्रसन्न होना

  1. बेटे की सफलता पर माँ की बाँछे खिल गईं।
  2. उपहार मिलते ही उसकी बाँछे खिल उठीं।
  3. परीक्षा में पास होकर विद्यार्थियों की बाँछे खिलीं।

15️ भाड़े का टट्टूपैसे का गुलाम

  1. वह तो भाड़े का टट्टू है, जहाँ पैसा मिले वही झुकेगा।
  2. ऐसे लोगों पर भरोसा मत करो जो भाड़े के टट्टू हों।
  3. वह पैसे के लिए किसी का भी काम कर देता है।

16️ भीगी बिल्ली बननाडरकर चुप हो जाना

  1. डाँट खाने के बाद वह भीगी बिल्ली बन गया।
  2. पुलिस को देखते ही गुंडे भीगी बिल्ली बन गए।
  3. गलती पकड़ी गई तो वह भीगी बिल्ली बन गया।

17️ मक्खियाँ मारनाबेकार बैठे रहना

  1. दुकान में ग्राहक नहीं, बस मक्खियाँ मार रहा है।
  2. गर्मी की छुट्टियों में बच्चे बस मक्खियाँ मारते रहे।
  3. उसे कोई काम नहीं, दिनभर मक्खियाँ मारता है।

18️ मैदान मारनाजीतना

  1. उसने मेहनत से मैदान मार लिया।
  2. भारत ने मुकाबले में मैदान मार लिया।
  3. बुद्धिमानी से उसने चुनाव में मैदान मार लिया।

19️ मोटा असामीअमीर व्यक्ति

  1. वह तो बहुत मोटा असामी है।
  2. इस इलाके में सिर्फ मोटे असामी रहते हैं।
  3. व्यापारी का बेटा भी मोटा असामी बन गया है।

20️ मुट्ठी गर्म करनारिश्वत देना

  1. उसने अफसर की मुट्ठी गर्म कर ली।
  2. काम निकलवाने के लिए लोगों ने मुट्ठी गर्म की।
  3. कुछ अधिकारी मुट्ठी गर्म किए बिना काम नहीं करते।

21️ रंग जमानाप्रभाव जमाना

  1. उसके गाने ने सबका दिल जीतकर रंग जमा दिया।
  2. मेले में कलाकारों ने खूब रंग जमाया।
  3. उसके भाषण ने सभा में रंग जमा दिया।

22️ रंग लानाप्रभाव दिखाना

  1. उसकी मेहनत रंग लाई।
  2. लगातार अभ्यास ने अंततः रंग लाया।
  3. शिक्षक की सलाह ने विद्यार्थियों पर रंग दिखाया।

23️ रंग बदलनाचाल बदलना

  1. समय पड़ते ही उसने रंग बदल लिया।
  2. नेता चुनाव के बाद रंग बदल लेते हैं।
  3. उसने दोस्ती में भी रंग बदल दिया।

24️ रास्ता देखनाइंतजार करना

  1. माँ बेटे का रास्ता देख रही थी।
  2. हम सब बस के आने का रास्ता देख रहे हैं।
  3. वह अपने प्रियजन का रास्ता देखती रही।

25️ रोंगटे खड़े होनाडर या उत्साह से सिहर उठना

  1. डरावनी फिल्म देखकर रोंगटे खड़े हो गए।
  2. सैनिकों की वीरता देखकर रोंगटे खड़े हो गए।
  3. उसकी कहानी सुनकर सबके रोंगटे खड़े हो गए।

26️ लकीर का फ़कीर होनापुराने तरीकों पर चलना

  1. वह हमेशा लकीर का फ़कीर बना रहता है।
  2. ऐसे लोग नए विचार नहीं अपनाते।
  3. लकीर के फ़कीर समाज में प्रगति रोकते हैं।

27️ लोहा माननाश्रेष्ठ मानना

  1. सबने उसकी ईमानदारी का लोहा माना।
  2. उसके साहस का दुश्मन भी लोहा मान गया।
  3. शिक्षक ने उसकी प्रतिभा का लोहा माना।

28️ लेने के देने पड़नानुकसान उठाना

  1. चालाकी करने के चक्कर में उसके लेने के देने पड़ गए।
  2. लालच के कारण उसे भारी नुकसान हुआ।
  3. झूठ बोलने पर लेने के देने पड़ गए।

29️ श्रीगणेश करनाशुभारंभ करना

  1. पूजा करके काम का श्रीगणेश किया गया।
  2. उसने नई कंपनी का श्रीगणेश किया।
  3. मंदिर बनवाने का श्रीगणेश आज हुआ।

30️ सफ़ेद झूठपूरी तरह झूठ

  1. उसने सबके सामने सफेद झूठ बोल दिया।
  2. यह बात तो एकदम सफेद झूठ है।
  3. वह सफेद झूठ बोलकर बच गया।

31️ सार्ड हो जानाडरना या मरना

  1. डर के मारे वह सार्ड हो गया।
  2. भूत की कहानी सुनकर बच्चे सार्ड हो गए।
  3. अचानक आवाज सुनकर वह सार्ड हो गया।

32️ साँपछछूंदर की हालत होनादुविधा में पड़ना

  1. वह ऐसी स्थिति में है कि न बोले न चुप रहे।
  2. नौकरी छोड़े या न छोड़े, वह साँप-छछूंदर की हालत में है।
  3. परीक्षा और शादी एक ही दिन पड़ने से वह दुविधा में पड़ गया।

33️ सिक्का जमानाप्रभाव जमाना

  1. उसने ऑफिस में अपना सिक्का जमा लिया।
  2. ईमानदारी से काम कर उसने सबका विश्वास जीता।
  3. नए खिलाड़ी ने टीम में सिक्का जमा लिया।

34️ सवा सोलह आने सहीपूरी तरह सही होना

  1. तुम्हारी बात सवा सोलह आने सही है।
  2. उसने जो कहा वो सवा सोलह आने सही निकला।
  3. यह निर्णय सवा सोलह आने सही साबित हुआ।

35️ हाथ मलनापछताना

  1. गलती के बाद वह हाथ मलता रह गया।
  2. मौका खोने पर सब हाथ मलते रह गए।
  3. लालच में आकर उसने बाद में हाथ मल लिया।

36️ हवा हो जानाभाग जाना

  1. पुलिस आते ही चोर हवा हो गए।
  2. डर के मारे वह हवा हो गया।
  3. पकड़े जाने से पहले ही वह हवा हो गया।

37️ हवा का रुख देखनापरिस्थिति समझना

  1. नेता हमेशा हवा का रुख देखकर बोलता है।
  2. उसने हवा का रुख देखकर अपना फैसला बदला।
  3. व्यापारी हवा का रुख देखकर निवेश करता है।

38️ हुक्का पानी बंद करनासमाज से निकाल देना

  1. गलत काम करने पर उसका हुक्का पानी बंद कर दिया गया।
  2. गाँव वालों ने उसके परिवार का हुक्का पानी बंद किया।
  3. बिरादरी ने उसके साथ संबंध तोड़ लिए।

39️ हथेली पर सरसों जमानाजल्दबाजी करना

  1. वह हर काम हथेली पर सरसों जमाना चाहता है।
  2. बिना सोचे जल्दबाजी करना ठीक नहीं।
  3. पढ़ाई में हथेली पर सरसों नहीं जमाई जा सकती।

40️ हाथ धो बैठनागँवा देना

  1. लालच में आकर उसने जमीन से हाथ धो बैठा।
  2. गलती से उसने अपनी नौकरी से हाथ धो लिया।
  3. एक गलती में सब कुछ खो बैठा।

41️ हाथ पैर मारनाबहुत प्रयास करना

  1. उसने नौकरी पाने के लिए बहुत हाथ पैर मारे।
  2. परीक्षा में पास होने के लिए उसने खूब मेहनत की।
  3. उसने हर दिशा में हाथ पैर मारे लेकिन सफलता नहीं मिली।

42️ हाथ के तोते उड़नाडर से स्तब्ध हो जाना

  1. अचानक हादसा देखकर उसके हाथ के तोते उड़ गए।
  2. शिक्षक को देखकर बच्चों के हाथ के तोते उड़ गए।
  3. भूत की आवाज सुनते ही सबके तोते उड़ गए।

43️ हथियार डाल देनाहार मान लेना

  1. बहुत कोशिशों के बाद उसने हथियार डाल दिए।
  2. दुश्मन ने अंत में हथियार डाल दिए।
  3. समस्याओं से हारकर उसने हथियार डाल दिए।
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मुहवरा – मुहावरे का अर्थ  – Muhavare in hindi with sentences

नाच नचाना – तंग करना
पेट में चूहे कूदना – बहुत जोरो की भूख लगना
पट्टी पढ़ाना – बुरी राय देना
पहाड़ टूट पड़ना – घोर विपत्ति आ पड़ना
पौ बारह होना – खूब लाभ होना
पांचों उँगलियाँ घी में – पुरे लाभ में
पगड़ी रखना – इज्जत बचाना
फूलना-फलना – कुलवान या धनवान होना
बरस पड़ना – किसी पर गुस्सा निकलना
बाँसों उछलना – बहुत ख़ुशी
बाजी मारना – जीतना या आगे निकल जाना
बट्टा लगाना – कलंक लगाना
बाजार गर्म होना – काम में तेजी
बाँछे खिलना – अत्यधिक प्रसन्न होना
भाड़े का टट्टू – पैसे का गुलाम
भीगी बिल्ली बनना – दबना याडर से दुबकना
मक्खियाँ मारना – बेकार बैठे रहना
मैदान मारना – लड़ाई जीतना
मोटा असामी – मालदार
मुट्ठी गर्म करना – घूस देना
रंग जमाना – धाक जमाना
रंग लाना – प्रभाव उत्पन्न करना
रंग बदलना – परिवर्तित होना
रास्ता देखना – इंतजार करना
रोंगटे खड़े होना – चकित या भयभीत होना
लकीर का फ़कीर होना – पुरानी प्रथाओं पर ही चलना
लोहा मानना – श्रेष्ठ समझना
लेने के देने पड़ना – लाभ के बदले हानि होना
श्रीगणेश करना – शुभारम्भ करना
सफ़ेद झूठ – सरासर झूठ
सार्ड हो जाना – डरना या मरना
सांप-छछूंदर की हालत होना – दुविधा में पड़ना
सिक्का जमाना – प्रभाव जमना
सवा सोलह आने सही – पूरी तरह सही होना
हाथ मलना – पछताना
हवा हो जाना – भाग जाना
हवा का रुख देखना – समय की गति पहचान कर काम करना
हुक्का पानी बंद करना – बिरादरी से निकाल देना
हथेली पर सरसों जमाना – जल्दबाजी करना
हाथ धो बैठना – गवा देना हाथ पीले करना
हाथ पैर मारना – काफी प्रयत्न करना
हाथ के तोते उड़ना – स्तब्ध होना
हथियार डाल देना – हार मान लेना

Muhavare ka arth | 10 lokoktiyan in hindi with sentences

1. खरीखोटी सुनाना (बुराभला कहना)

  1. शिक्षक ने देर से आने वाले छात्र को खरी-खोटी सुनाई।
  2. उसने अपनी गलती मानने के बजाय उल्टा खरी-खोटी सुना दी।
  3. बॉस ने रिपोर्ट में गलती देखकर कर्मचारियों को खरी-खोटी सुना दी।

2. खून का घूँट पीना (अपने क्रोध को भीतरहीभीतर सहना)

  1. अन्याय देखकर भी वह खून का घूँट पीकर चुप रह गया।
  2. बेटे की गलती पर माँ ने खून का घूँट पी लिया।
  3. अपमान सहकर उसने खून का घूँट पी लिया और कुछ नहीं कहा।

3. अँगूठा दिखाना (साफ इनकार कर देना)

  1. मजदूरों ने ओवरटाइम करने से अँगूठा दिखा दिया।
  2. दोस्त ने पैसे लौटाने से अँगूठा दिखा दिया।
  3. दुकानदार ने उधार देने से अँगूठा दिखाया।

4. अंधेरे घर का उजाला (इकलौता पुत्र)

  1. उसका बेटा ही अंधेरे घर का उजाला है।
  2. सब उसे अंधेरे घर का उजाला मानते हैं।
  3. उस परिवार का इकलौता बेटा अंधेरे घर का उजाला है।

5. अक्ल का दुश्मन (मूर्ख)

  1. वह तो बिल्कुल अक्ल का दुश्मन है, कुछ समझता ही नहीं।
  2. अक्ल का दुश्मन होकर बड़े काम करने चला है।
  3. बिना सोचे काम करने वाला अक्ल का दुश्मन कहलाता है।

6. अगरमगर करना (टालमटोल करना)

  1. उसने काम से बचने के लिए अगर-मगर करना शुरू कर दिया।
  2. बच्चे ने होमवर्क के बहाने अगर-मगर की।
  3. जिम्मेदारी आते ही सब अगर-मगर करने लगे।

7. अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना)

  1. उसने हर मौके पर अपना उल्लू सीधा किया।
  2. नेताओं का तो बस अपना उल्लू सीधा करने से मतलब है।
  3. लोग दूसरों की मदद का बहाना बनाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं।

8. अपने पैरों पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर होना)

  1. अब वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया है।
  2. हर युवक को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए।
  3. मेहनत करने वाला व्यक्ति जल्दी अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है।

9. आँख दिखाना (गुस्से से देखना)

  1. माँ ने शरारत करते बेटे को आँख दिखाई।
  2. गुरु ने छात्रों को अनुशासन सिखाने के लिए आँख दिखाई।
  3. पुलिस ने अपराधी को आँख दिखाई तो वह डर गया।

10. आँखें बिछाना (बहुत आदर करना)

  1. मेहमानों के स्वागत में सबने आँखें बिछा दीं।
  2. वह अपने गुरु के लिए आँखें बिछाए रहता है।
  3. राजा के आने पर प्रजा ने आँखें बिछा दीं।

11. आँखों का तारा (बहुत प्यारा)

  1. वह अपनी माँ की आँखों का तारा है।
  2. यह बच्चा पूरे परिवार की आँखों का तारा है।
  3. शिक्षक के लिए उसका प्रिय छात्र आँखों का तारा है।

12. आँसू पोंछना (सांत्वना देना)

  1. मित्र ने दुःखी दोस्त के आँसू पोंछे।
  2. समाज को गरीबों के आँसू पोंछने चाहिए।
  3. उसने विधवा का दुख समझकर उसके आँसू पोंछे।

13. आकाश के तारे तोड़ना (असंभव काम करना)

  1. वह परीक्षा में आकाश के तारे तोड़ने की सोच रहा है।
  2. हर सपना पूरा करना आकाश के तारे तोड़ने जैसा है।
  3. बिना तैयारी सफलता पाना आकाश के तारे तोड़ना है।

14. आकाश को छूना (बहुत ऊँचा होना)

  1. उसकी इमारत आकाश को छू रही है।
  2. मेहनती व्यक्ति सफलता के आकाश को छूता है।
  3. खिलाड़ी की लोकप्रियता आज आकाश को छू रही है।

15. आकाशपाताल एक करना (बहुत परिश्रम करना)

  1. पुलिस ने चोर को पकड़ने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया।
  2. उसने नौकरी पाने के लिए आकाश-पाताल एक कर डाला।
  3. किसान ने फसल बचाने के लिए आकाश-पाताल एक किया।

16. आग में घी डालना (क्रोध बढ़ाना)

  1. झगड़े के बीच उसने आग में घी डाल दिया।
  2. किसी का अपमान करना आग में घी डालने जैसा होता है।
  3. उसके ताने सुनकर आग में घी पड़ गया।

17. आगबबूला होना (गुस्से से भर जाना)

  1. झूठ सुनकर पिता आग-बबूला हो गए।
  2. धोखा मिलने पर वह आग-बबूला हो गया।
  3. बॉस रिपोर्ट देखकर आग-बबूला हो उठा।

18. आगेपीछे फिरना (चापलूसी करना)

  1. वह अफसर के आगे-पीछे फिरता रहता है।
  2. चापलूस लोग हमेशा बड़े लोगों के आगे-पीछे फिरते हैं।
  3. नौकरी पाने के लिए वह नेता के आगे-पीछे फिरने लगा।

19. आसमान पर चढ़ना (बहुत अभिमान करना)

  1. थोड़ी सफलता क्या मिली, वह तो आसमान पर चढ़ गया।
  2. इनाम पाकर बच्चा आसमान पर चढ़ गया।
  3. प्रमोशन मिलने के बाद उसका घमंड आसमान पर चढ़ गया।

20. आस्तीन का साँप (धोखा देने वाला साथी)

  1. उसने अपने ही दोस्त से धोखा खाया, वह आस्तीन का साँप निकला।
  2. आस्तीन का साँप हमेशा नुकसान पहुँचाता है।
  3. किसी पर ज्यादा भरोसा करना आस्तीन का साँप पालने जैसा है।

21. ईंट से ईंट बजाना (समूल नष्ट कर देना)

  1. सेना ने दुश्मन की ईंट से ईंट बजा दी।
  2. गुस्से में उसने सब कुछ ईंट से ईंट कर डाला।
  3. क्रोध में उसने विरोधियों की ईंट से ईंट बजाने की कसम खाई।

22. ईद का चाँद (बहुत कम दिखाई देने वाला)

  1. वह तो ईद का चाँद हो गया है, महीनों बाद दिखा।
  2. आज वह ईद के चाँद की तरह नज़र आया।
  3. इतने दिन बाद उसका मिलना ईद के चाँद जैसा था।

23. उलटी गंगा बहाना (विपरीत कार्य करना)

  1. आज तो उसने उलटी गंगा बहा दी, सबको चौंका दिया।
  2. बच्चे ने पहली बार समय पर काम किया, जैसे उलटी गंगा बह गई।
  3. आलसी का मेहनत करना उलटी गंगा बहाने जैसा है।

24. कफन सिर पर बाँधना (मरने के लिए तैयार होना)

  1. सैनिक कफन सिर पर बाँधकर मैदान में उतरे।
  2. देशभक्त हमेशा कफन सिर पर बाँधकर लड़ते हैं।
  3. उसने सत्य के लिए कफन सिर पर बाँध लिया।
250 Hindi muhavare with meanings and sentences  Idioms in hindi
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25. कमर कसना (तैयार होना)

  1. छात्र परीक्षा की तैयारी के लिए कमर कस चुके हैं।
  2. पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए कमर कस ली है।
  3. सफलता पाने के लिए हर किसी को कमर कसनी चाहिए।

26. कमर टूटना (निराश होना)

  1. इतने परिश्रम के बाद असफलता मिली तो उसकी कमर टूट गई।
  2. बीमारी ने उसकी कमर तोड़ दी।
  3. काम का बोझ देखकर सबकी कमर टूट गई।

27. कलई खुलना (भेद खुल जाना)

  1. झूठ बोलने वाले की कलई खुल गई।
  2. उसकी चालबाज़ी की कलई सबके सामने खुल गई।
  3. परीक्षा में नकल करते हुए उसकी कलई खुल गई।

28. कलेजा फटना (बहुत दुःख होना)

  1. बेटे की मौत से माँ का कलेजा फट गया।
  2. किसी का दुख देखकर उसका कलेजा फट गया।
  3. गरीबों की हालत देखकर कलेजा फट जाता है।

29. कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना)

  1. उसकी सफलता देखकर दुश्मनों के कलेजे पर साँप लोट गया।
  2. पड़ोसी की नई गाड़ी देखकर उसका कलेजा जल गया।
  3. भाई की तरक्की से उसके कलेजे पर साँप लोट गया।

30. कान का कच्चा होना (बिना सोचे विश्वास करना)

  1. वह तो कान का कच्चा है, किसी की भी बात मान लेता है।
  2. अफवाह सुनकर वह कान का कच्चा साबित हुआ।
  3. दूसरों की बातों में आना कान का कच्चा होने की निशानी है।

31. कान भरना (चुगली करना)

  1. नौकर ने मालिक के कान भर दिए।
  2. कान भरने वालों से सावधान रहना चाहिए।
  3. उसने दोस्त के खिलाफ शिक्षक के कान भर दिए।

32. काम आना (वीरगति प्राप्त करना)

  1. सैनिक देश की रक्षा करते हुए काम आ गया।
  2. वह अपने मित्र की जान बचाते हुए काम आ गया।
  3. शहीदों का नाम सदैव अमर रहेगा, जो देश के लिए काम आए।

33. कायापलट होना (बिल्कुल बदल जाना)

  1. नई सरकार आने पर गाँव की कायापलट हो गई।
  2. शिक्षा ने उसके जीवन की कायापलट कर दी।
  3. कुछ वर्षों में शहर की कायापलट हो गई है।

34. किताब का कीड़ा होना (हर समय पढ़ना)

  1. वह तो किताब का कीड़ा है, हर समय पढ़ता रहता है।
  2. छुट्टियों में भी किताब का कीड़ा पढ़ाई में लगा है।
  3. किताब के कीड़े जैसी मेहनत से ही सफलता मिलती है।

35. कोल्हू का बैल होना (लगातार काम में लगे रहना)

  1. वह दिन-रात काम करता है, जैसे कोल्हू का बैल हो।
  2. मजदूरों को कोल्हू के बैल की तरह काम करना पड़ता है।
  3. जीवनभर मेहनत करने वाले लोग कोल्हू के बैल बन जाते हैं।

36. खटाई में पड़ना (काम में अड़चन आना)

  1. पैसे की कमी से योजना खटाई में पड़ गई।
  2. मौसम खराब होने से मैच खटाई में पड़ गया।
  3. झगड़े के कारण सारा काम खटाई में पड़ गया।

37. खिल्ली उड़ाना (हँसी उड़ाना)

  1. उसकी गलती पर सबने खिल्ली उड़ाई।
  2. किसी की कमजोरी की खिल्ली नहीं उड़ानी चाहिए।
  3. गरीब की खिल्ली उड़ाना बहुत गलत है।

38. खून खौलना (जोश में आना)

  1. अन्याय देखकर सबका खून खौल उठा।
  2. देशभक्तों का खून आज भी मातृभूमि के लिए खौलता है।
  3. भ्रष्टाचार देखकर जनता का खून खौल गया।

39. गड़े मुर्दे उखाड़ना (पुरानी बातें छेड़ना)

  1. अब पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने की ज़रूरत नहीं।
  2. हर बार झगड़े में वह गड़े मुर्दे उखाड़ देती है।
  3. गड़े मुर्दे उखाड़ने से रिश्ते खराब होते हैं।

40. गुड़ गोबर कर देना (बनी बात बिगाड़ देना)

  1. उसने अपनी बातों से सारा गुड़ गोबर कर दिया।
  2. एक गलती ने पूरी मेहनत का गुड़ गोबर कर दिया।
  3. झगड़े ने त्योहार का मज़ा गुड़ गोबर कर दिया।

41. गुदड़ी का लाल होना (गरीब घर का गुणी व्यक्ति)

  1. अब्दुल कलाम गुदड़ी के लाल थे।
  2. यह छात्र गुदड़ी का लाल निकला, टॉपर बन गया।
  3. गुदड़ी का लाल भी मेहनत से सितारा बन सकता है।

42. घर का चिराग होना (घर की आशा होना)

  1. बेटा घर का चिराग कहलाता है।
  2. वह बूढ़े माता-पिता का घर का चिराग है।
  3. उसके घर का चिराग अब बड़ा होकर अफसर बन गया।

43. घाटघाट का पानी पीना (अनुभवी होना)

  1. वह घाट-घाट का पानी पी चुका है, उसे धोखा देना मुश्किल है।
  2. अनुभवी लोग घाट-घाट का पानी पी चुके होते हैं।
  3. उसने जीवन में इतना देखा है कि घाट-घाट का पानी पी लिया।

44. घी के दीये जलाना (खुशी मनाना)

  1. बेटे के जन्म पर घर में घी के दीये जलाए गए।
  2. सफलता की खबर पर सबने घी के दीये जलाए।
  3. त्योहार पर मंदिर में घी के दीये जलते हैं।

45. घोड़े बेचकर सोना (निश्चिंत होना)

  1. परीक्षा खत्म होते ही वह घोड़े बेचकर सो गया।
  2. काम पूरा करके अब आराम से घोड़े बेचकर सो।
  3. चिंता छोड़कर वह घोड़े बेचकर सो गया।

46. चल बसना (मर जाना)

  1. बूढ़े बाबा कल रात चल बसे।
  2. बीमारी से लड़ते-लड़ते वह चल बसा।
  3. गाँव का बुजुर्ग चल बसा, सब दुखी हैं।

47. चिराग तले अँधेरा होना (पास में दोष होना)

  1. गुरु के घर में चिराग तले अँधेरा था, बेटा ही बिगड़ गया।
  2. मंदिर के पुजारी का बेटा चोर निकला, सच में चिराग तले अँधेरा।
  3. समझदार माता-पिता का बेटा आलसी निकला, यह तो चिराग तले अँधेरा हुआ।

48. चैन की बंसी बजाना (आनंद से रहना)

  1. काम पूरा करके अब चैन की बंसी बजा।
  2. नौकरी मिलने के बाद वह चैन की बंसी बजाने लगा।
  3. परीक्षा के बाद छात्र चैन की बंसी बजाते हैं।

49. छक्के छुड़ाना (हराना)

  1. टीम ने विरोधियों के छक्के छुड़ा दिए।
  2. शिक्षक के सवालों ने छात्रों के छक्के छुड़ा दिए।
  3. मुश्किल हालात ने सबके छक्के छुड़ा दिए।

50. छाती पर साँप लोटना (ईर्ष्या करना)

  1. उसकी सफलता देखकर सबकी छाती पर साँप लोट गया।
  2. पड़ोसी की नई कार देखकर उसकी छाती पर साँप लोट गया।
  3. भाई की पदोन्नति से उसकी छाती पर साँप लोट गया।

51. छोटा मुँह, बड़ी बात होना (अपनी सीमा से बढ़कर कहना)

  1. छोटे बच्चे ने छोटा मुँह बड़ी बात कर दी।
  2. नौसिखिया होकर उसने छोटा मुँह बड़ी बात कह दी।
  3. नया कर्मचारी आकर छोटा मुँह बड़ी बात करने लगा।

52. जान पर खेलना (जोखिम उठाना)

  1. सैनिक देश की रक्षा के लिए जान पर खेलते हैं।
  2. उसने बच्चे को बचाने के लिए जान पर खेल लिया।
  3. लोगों को बचाने के लिए फायरमैन ने जान पर खेल दी।

53. टकासा जवाब देना (साफ इनकार करना)

  1. उसने पैसे माँगने पर टका-सा जवाब दे दिया।
  2. प्रस्ताव पर उसने टका-सा जवाब दिया।
  3. शिक्षक ने अनुशासनहीन छात्र को टका-सा जवाब दे दिया।

54. टाँगें पसारकर सोना (निश्चिंत होना)

  1. परीक्षा खत्म होते ही छात्र टाँगें पसारकर सो गए।
  2. काम पूरा करके अब टाँगें पसारकर सो जा।
  3. सफलता के बाद वह टाँगें पसारकर आराम कर रहा है।

55. टाँग अड़ाना (दखल देना)

  1. वह हर काम में टाँग अड़ाता है।
  2. दूसरों के झगड़े में टाँग अड़ाना ठीक नहीं।
  3. अनावश्यक बातों में टाँग अड़ाने से नुकसान होता है।

56. टोपी उछालना (अपमानित करना)

  1. सभा में उसकी टोपी उछाल दी गई।
  2. दोस्त ने सबके सामने टोपी उछाल दी।
  3. गलती पकड़ी गई तो उसकी टोपी उछल गई।

57. डींगें हाँकना (शेखी मारना)

  1. वह हमेशा अपनी उपलब्धियों की डींगें हाँकता है।
  2. डींगें हाँकने से कुछ नहीं होता, काम करना चाहिए।
  3. कुछ लोग बिना कारण डींगें हाँकते रहते हैं।

58. तलवा चाटना (खुशामद करना)

  1. वह अफसरों के तलवे चाटकर प्रमोशन पाता है।
  2. तलवा चाटने वाले लोग हमेशा लाभ उठाते हैं।
  3. ईमानदार व्यक्ति किसी के तलवे नहीं चाटता।

59. तारे गिनना (बेचैनी से प्रतीक्षा करना)

  1. रातभर वह तारे गिनता रहा, नींद नहीं आई।
  2. अपने बेटे के लौटने की आस में माँ तारे गिन रही थी।
  3. प्रेमी अपनी प्रेमिका के इंतज़ार में तारे गिनता रहा।

60. तिल का ताड़ बनाना (छोटी बात को बढ़ाना)

  1. छोटी-सी बात पर उसने तिल का ताड़ बना दिया।
  2. झगड़े की बात को तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए।
  3. मीडिया अक्सर तिल का ताड़ बना देती है।

61. तूती बोलना (बहुत प्रभाव होना)

  1. इस कंपनी की अब बाजार में तूती बोल रही है।
  2. पहले उसकी तूती बोलती थी, अब कोई नहीं जानता।
  3. उसकी मेहनत से आज हर जगह उसकी तूती बोल रही है।

62. दाँत खट्टे करना (हराना)

  1. भारत ने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए।
  2. शिक्षक ने छात्रों के दाँत खट्टे कर दिए।
  3. नए खिलाड़ी ने पुराने खिलाड़ियों के दाँत खट्टे कर दिए।

63. दाँतों तले अंगुली दबाना (आश्चर्य होना)

  1. उसकी प्रतिभा देखकर सबने दाँतों तले अंगुली दबा ली।
  2. इतना सुंदर चित्र देखकर दाँतों तले अंगुली दब गई।
  3. उसकी चालाकी देखकर सब दाँतों तले अंगुली दबा बैठे।

64. दाल गलना (सफल होना)

  1. उसकी दाल यहाँ नहीं गलेगी।
  2. बिना मेहनत के किसी की दाल नहीं गलती।
  3. रिश्वत देकर भी उसकी दाल नहीं गली।

65. दाल में कुछ काला (कुछ गड़बड़ होना)

  1. उसकी बातों से लगता है दाल में कुछ काला है।
  2. इस सौदे में जरूर दाल में कुछ काला है।
  3. चेहरे का भाव देखकर समझ गया कि दाल में कुछ काला है।

66. दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करना (तेजी से बढ़ना)

  1. उसकी कंपनी दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रही है।
  2. मेहनती व्यक्ति हमेशा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है।
  3. तकनीकी विकास अब दिन दूनी रात चौगुनी गति से हो रहा है।

67. दिमाग चाटना (परेशान करना)

  1. वह बार-बार सवाल पूछकर दिमाग चाट रहा है।
  2. बच्चों की शरारतों ने सबका दिमाग चाट दिया।
  3. शिकायतें सुन-सुनकर बॉस का दिमाग चाट गया।

68. दो दिन का मेहमान (थोड़े समय का होना)

  1. यह फूल दो दिन का मेहमान है।
  2. उसकी नौकरी दो दिन की मेहमान थी।
  3. जीवन भी दो दिन का मेहमान है, नेक काम करो।

69. धज्जियाँ उड़ाना (बदनाम करना)

  1. मीडिया ने उसकी धज्जियाँ उड़ा दीं।
  2. परीक्षा में नकल करते पकड़ा गया, तो उसकी धज्जियाँ उड़ गईं।
  3. झूठ बोलकर उसने अपनी ही धज्जियाँ उड़ा लीं।
250 Hindi muhavare with meanings and sentences  Idioms in hindi
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70. धरती पर पाँव पड़ना (अत्यंत गर्व होना)

  1. इनाम मिलने पर उसका धरती पर पाँव न पड़ा।
  2. तारीफ सुनकर वह धरती पर पाँव नहीं रख पा रहा था।
  3. सम्मान पाकर वह धरती पर पाँव न रख सका।

71. धाक जमाना (रौब जमाना)

  1. उसने अपनी मेहनत से सब पर धाक जमा ली।
  2. खिलाड़ी ने मैदान में अपनी धाक जमा दी।
  3. अच्छे कार्य से व्यक्ति समाज में धाक जमा सकता है।

72. धुन सवार होना (जुनून आना)

  1. उसे गाने की धुन सवार है।
  2. जब काम की धुन सवार हो जाए तो सफलता निश्चित है।
  3. लेखक पर किताब लिखने की धुन सवार हो गई।

73. धूप में बाल पकाना (बूढ़ा पर अनुभवहीन)

  1. उसने धूप में बाल तो पकाए, पर अनुभव नहीं आया।
  2. उम्रदराज़ होने पर भी वह धूप में बाल पकाने वाला निकला।
  3. धूप में बाल पकाना और समझदार होना दो अलग बातें हैं।

74. नाक कटना (इज्जत जाना)

  1. परीक्षा में फेल होकर उसकी नाक कट गई।
  2. झूठ बोलने से परिवार की नाक कट गई।
  3. गाँव के सामने नाक कटना शर्म की बात है।

75. नाक में दम करना (बहुत परेशान करना)

  1. बच्चों ने पूरे दिन नाक में दम कर दिया।
  2. मक्खियों ने गर्मी में नाक में दम कर दिया।
  3. बार-बार फोन करके उसने नाक में दम कर दिया।

76. नाकों चने चबवाना (बहुत तंग करना)

  1. शिक्षक ने छात्रों को नाकों चने चबवा दिए।
  2. पुलिस ने चोरों को नाकों चने चबवा दिए।
  3. पिता ने शरारती बेटे को नाकों चने चबवा दिए।

77. नीचा दिखाना (हराना)

  1. वह हमेशा दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है।
  2. प्रतियोगिता में किसी को नीचा दिखाना गलत है।
  3. विनम्रता सिखाती है कि किसी को नीचा न दिखाओ।

78. नौदो ग्यारह होना (भाग जाना)

  1. पुलिस आते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गया।
  2. गलती पकड़ी गई तो वह नौ-दो ग्यारह हो गया।
  3. पैसे लेकर ठग नौ-दो ग्यारह हो गया।

79. पत्थर की लकीर होना (पक्की बात होना)

  1. उसके शब्द पत्थर की लकीर माने जाते हैं।
  2. यह नियम पत्थर की लकीर है, कोई बदल नहीं सकता।
  3. समझौता एक बार हो जाए तो वह पत्थर की लकीर बन जाता है।

80. पाँचों उँगलियाँ घी में होना (बहुत लाभ होना)

  1. व्यापार बढ़ने से उसकी पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।
  2. नौकरी और बोनस मिलने पर पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।
  3. किस्मत चमकी, अब उसकी पाँचों उँगलियाँ घी में हैं।

81. पारा उतरना (क्रोध शांत होना)

  1. उसे मनाने पर उसका पारा उतर गया।
  2. थोड़ी देर बाद बॉस का पारा उतर गया।
  3. बात समझाने से उसका गुस्सा शांत हो गया।

82. पीठ दिखाना (भागना)

  1. दुश्मन ने युद्ध में पीठ दिखाई।
  2. डरपोक हमेशा मुसीबत में पीठ दिखाते हैं।
  3. जिम्मेदारी से पीठ दिखाना कायरता है।

83. बाल भी बाँका होना (कुछ बिगड़ना)

  1. इतने खतरे के बाद भी उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ।
  2. भगवान की कृपा से किसी का बाल बाँका नहीं हुआ।
  3. आग लगने पर भी सामान का बाल बाँका नहीं हुआ।

84. माथा ठनकना (शक होना)

  1. उसका चेहरा देखकर मेरा माथा ठनका।
  2. अजीब आवाज़ सुनकर सबका माथा ठनक गया।
  3. व्यवहार देखकर शिक्षक का माथा ठनक गया।

85. मिट्टी का माधो (बहुत मूर्ख)

  1. वह तो मिट्टी का माधो है, कुछ नहीं समझता।
  2. मिट्टी के माधो जैसे लोग हमेशा धोखा खाते हैं।
  3. बिना समझदारी के आदमी मिट्टी का माधो बन जाता है।

86. मुँह फुलाना (रूठना)

  1. छोटी बात पर मुँह फुलाना ठीक नहीं।
  2. बच्चे ने खिलौना न मिलने पर मुँह फुला लिया।
  3. दोस्त ने न बुलाने पर मुँह फुला लिया।

87. मुँह की खाना (हार जाना)

  1. मुकाबले में उसने मुँह की खा ली।
  2. चाल गलत चली तो मुँह की खानी पड़ी।
  3. झूठ बोलने पर सबके सामने मुँह की खाई।

88. मुट्ठी गर्म करना (रिश्वत देना)

  1. उसने अफसर की मुट्ठी गर्म कर दी।
  2. काम करवाने के लिए मुट्ठी गर्म करनी पड़ी।
  3. रिश्वतखोर की मुट्ठी गर्म किए बिना फाइल नहीं चलती।

89. लटू होना (मुग्ध होना)

  1. वह उस लड़की पर लटू हो गया है।
  2. बच्चे खिलौने पर लटू हो गए।
  3. सब उसकी बातों पर लटू हो गए।

90. लालपीला होना (गुस्सा होना)

  1. गलती सुनकर पिता लाल-पीले हो गए।
  2. परीक्षा परिणाम देखकर वह लाल-पीला हो गया।
  3. अनुशासन तोड़ने पर शिक्षक लाल-पीला हो गया।

91. लोहा मानना (श्रेष्ठ स्वीकार करना)

  1. सबने उसकी प्रतिभा का लोहा माना।
  2. दुश्मन ने भी उसके साहस का लोहा माना।
  3. मेहनती व्यक्ति का लोहा सब मानते हैं।

92. श्रीगणेश करना (आरंभ करना)

  1. हर शुभ काम से पहले श्रीगणेश करते हैं।
  2. उसने अपने नए व्यवसाय का श्रीगणेश किया।
  3. मंदिर निर्माण का श्रीगणेश आज हुआ।

93. सिर पर चढ़ाना (गुस्ताख बनाना)

  1. बच्चों को सिर पर चढ़ाना ठीक नहीं।
  2. माँ ने बेटे को सिर पर चढ़ा लिया है।
  3. नौकर को सिर पर चढ़ाने से नुकसान होता है।

94. सिरआँखों पर बिठाना (बहुत आदर करना)

  1. मेहमानों को सिर-आँखों पर बिठाया गया।
  2. उसने गुरु को सिर-आँखों पर बिठाया।
  3. सबने बुजुर्ग को सिर-आँखों पर बिठाया।

95. हथियार डालना (हार मान लेना)

  1. कठिनाई देखकर उसने हथियार डाल दिए।
  2. दुश्मन ने युद्ध में हथियार डाल दिए।
  3. थककर उसने संघर्ष से हथियार डाल दिए।

96. हवा से बातें करना (तेज़ दौड़ना)

  1. रेस में उसकी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।
  2. विमान हवा से बातें करता हुआ निकल गया।
  3. खिलाड़ी इतनी तेज दौड़ा कि हवा से बातें करने लगा।

97. हाथ का मैल होना (तुच्छ वस्तु होना)

  1. उसके लिए पैसा तो हाथ का मैल है।
  2. अमीर लोगों के लिए सोना भी हाथ का मैल होता है।
  3. दानवीर व्यक्ति धन को हाथ का मैल समझता है।

98. हाथपाँव मारना (प्रयास करना)

  1. उसने नौकरी पाने के लिए बहुत हाथ-पाँव मारे।
  2. डूबते व्यक्ति ने बचने के लिए हाथ-पाँव मारे।
  3. सफल होने के लिए हर किसी को हाथ-पाँव मारने पड़ते हैं।

99. हाथ फैलाना (भीख माँगना)

  1. आलसी व्यक्ति हमेशा हाथ फैलाता है।
  2. मेहनत करने वाला कभी हाथ नहीं फैलाता।
  3. उसने कर्ज के लिए दोस्तों के आगे हाथ फैलाया।

100. हाथ मलना (पश्चात्ताप करना)

  1. अवसर चूककर अब हाथ मलने से क्या होगा।
  2. गलती के बाद वह बस हाथ मलता रह गया।
  3. पछतावे में सबने हाथ मल लिए।
1 खरी-खोटी सुनानाबुरा-भला कहना
2 खून का यूंट पीनाअपने क्रोध को भीतर-ही-भीतर सहना
3अँगूठा दिखानासाफ इनकार कर देना
4अंधेरे घर का उजालाइकलौता पुत्र, जिस पर आशाएँ टिकी हों
5अक्ल का दुश्मनमुर्ख
6अगर-मगर करनाटाल-मटोल करना
7अपना उल्लू सीधा करना स्वार्थ सिद्ध करना
8अपने पैरों पर खड़ा होनाआत्म-निर्भर होना
9आँख दिखानागुस्से से देखना
10आँखें बिछाना बहुत आदर करना
11आँखों का ताराबहुत प्यारा
12आँसू पोंछनासांत्वना देना
13आकाश के तारे तोड़नाअसम्भव काम करना
14आकाश को छूनाबहुत ऊँचा होना
15आकाश-पाताल एक करनाबहुत परिश्रम करना
16आग में घी डालनाक्रोध को बढ़ाना
17आग-बबूला होनागुस्से से भर जाना
18आगे-पीछे फिरनाचापलूसी करना
19आसमान पर चढ़नाबहुत अभिमान करना
20आस्तीन का साँपधोखा देने वाला साथी
21ईंट-से-ईंट बजानासमूल नष्ट-भ्रष्ट कर देना
22ईद का चाँदबहुत कम दिखाई देने वाला
23उल्टी गंगा बहाना विपरीत कार्य करना ।
24कफन सिर पर बाँधनामरने के लिए तैयार होना
25कमर कसनातैयार होना
26कमर टूटनानिराश होना
27कलई खुलनाभेद खुल जाना
28कलेजा फटनाबहुत दुःख होना
29कलेजे पर साँप लोटनाईर्ष्या से जलना
30कान का कच्चा होनाबिना सोचे-समझे बात पर विश्वास करना
31कान भरना चुगली करना
32काम आना वीरगति प्राप्त करना
33कायापलट होना बिल्कुल बदल जाना
34किताब का कीड़ा होना हर समय पढ़ते रहना
35कोल्हू का बैल होनालगातार काम में लगे रहना
36खटाई में पड़ना काम में अड़चन आना
37खिल्ली उड़ानाहँसी उड़ाना
38खून खौलना जोश में आना
39ग़ड़े मुर्दे उखाड़ना पिछली बातें याद करना
40गुड़ गोबर कर देनाबनी बात बिगाड़ देना
41गुदड़ी का लाल होना निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति
42घर का चिराग होनाघर की आशा होना
43घाट-घाट का पानी पीनाअत्यन्त अनुभवी होना
44घी के दीये जलाना खुशियाँ मनाना
45घोड़े बेचकर सोना निश्चित होना
46चल बसनामर जाना
47चिराग तले अँधेरा होनामहत्त्वपूर्ण स्थान के समीप अपराध या दोष पनपना
48चैन की वंशी बजाना आनन्द से रहना
49छक्के छुड़ानाहराना
50छाती पर साँप लोटनाजलना
51छोटा मुँह, बड़ी बात होना अपनी सीमा से बढ़कर बोलना
52जान पर खेलना जोखिम उठाना
53टका-सा जवाब देना साफ इनकार करना
54टाँगें पसारकर सोनानिश्चित होना
55टॉग अड़ाना व्यर्थ में दखल देना
56टोपी उछालनाअपमानित करना
57डींगें हाँकनाशेखियाँ जमाना
58तलवा चाटना खुशामद करना
59तारे गिनना  व्यग्रता से प्रतीक्षा करना
60तिल का ताड़ बनाना छोटी-सी बात को बढ़ा देना
61तूती बोलनाबहुत प्रभाव होना
62दाँत खट्टे करना हराना
63दाँतों तले अंगुली दबानाआश्चर्यचकित होना ।
64दाल न गलना सफल न होना
65दाल में कुछ काला कुछ रहस्य होना
66दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करना अधिकाधिक उन्नति करना
67दिमाग चाटना व्यर्थ बके जाना
68दो दिन का मेहमानबहुत कम दिन जीने की उम्मीद
69धज्जियाँ उड़ाना खंड-खंड कर देना
70धरती परं पाँव न पड़नाअभिमान से भरा होना
71धाक जमानारौब जमाना
72धुन सवार होना काम करने की लगन होना
73धूप में बाल पकाना बूढ़ा हो जाने पर भी अनुभवहीन
74नाक कटना इज्जत जाना
75नाक में दम करना बहुत तंग करना
76नाकों चने चबवाना बहुत तंग करना
77नीचा दिखानापराजित करना
78नौ-दो ग्यारह होना भाग जाना
79पत्थर की लकीर होनापक्की बात होना
80पाँचों उँगली घी में होनाबहुत लाभ होना
81पारा उतरनाक्रोध शांत होना
82पीठ दिखानाहारकर भागना
83बाल भी बाँका न होना कुछ भी न बिगड़ना
84माथा ठनकनाशक हो जाना
85मिट्टी का माधो बहुत मूर्ख
86मुँह फुलाना कुपित होना
87मुंह की खाना पराजित होना
88मुट्ठी गर्म करनारिश्वत देना
89लटू होनामुग्ध होना
90लाल-पीला होनाक्रोध करना
91लोहा माननाप्रभाव स्वीकार करना
92श्रीगणेश करना आरम्भ करना
93सिर पर चढ़ाना गुस्ताख बनाना
94सिर-आँखों पर बिठानाबहुत आदर करना
95हथियार डालना हार मान लेना
96हवा से बातें करना बहुत तेज दौड़ना
97हाथ का मैल होनातुच्छ वस्तु होना
98हाथ पाँव मारना प्रयत्न करना
99हाथ फैलाना भीख माँगना
100हाथ मलनापश्चात्ताप करना

1. ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया

  1. ईश्वर की माया ऐसी है कि किसी को सुख मिला तो किसी को दुख।
  2. इस दुनिया में ईश्वर की माया कहीं धूप है, कहीं छाया।
  3. जीवन में उतार-चढ़ाव ईश्वर की माया का ही परिणाम हैं।

2. एक अनार सौ बीमार

  1. नौकरी के लिए एक स्थान और सौ उम्मीदवार, यह तो एक अनार सौ बीमार हुआ।
  2. आजकल हर जगह एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है।
  3. शिक्षक की प्रशंसा पाने के लिए छात्र एक अनार सौ बीमार की तरह लगे हुए हैं।

3. एक सड़ी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है

  1. एक बुरा व्यक्ति पूरे समाज की छवि खराब कर देता है।
  2. दफ्तर में एक आलसी कर्मचारी सारे काम को बिगाड़ देता है, जैसे एक सड़ी मछली।
  3. विद्यालय में एक शरारती छात्र पूरी कक्षा को बदनाम कर देता है।

4. घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या

  1. अधिकारी अगर भ्रष्टाचार से यारी करे तो न्याय कहाँ रहेगा।
  2. शिक्षक और छात्र में अनुशासन जरूरी है, नहीं तो घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाए क्या।
  3. मजदूर मालिक का दोस्त बन जाए तो काम कौन करेगा।

5. चोर की दाढ़ी में तिनका

  1. जाँच शुरू होते ही वह घबरा गया, चोर की दाढ़ी में तिनका।
  2. बिना पूछे ही सफाई देने लगा, लगता है चोर की दाढ़ी में तिनका है।
  3. जो अधिक डरता है, वही दोषी होता है — चोर की दाढ़ी में तिनका।

6. नाच जाने आँगन टेढ़ा

  1. गलती अपनी और दोष दूसरों को, यह तो नाच न जाने आँगन टेढ़ा हुआ।
  2. परीक्षा में फेल होकर कहता है प्रश्न कठिन थे, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
  3. असफल व्यक्ति अक्सर दूसरों को दोष देता है।

7. अंत भला तो सब भला

  1. फिल्म का अंत अच्छा हो तो सब भला लगता है।
  2. मेहनत का फल अच्छा मिला, अंत भला तो सब भला।
  3. जीवन में कठिनाइयाँ आएँ तो भी अगर परिणाम अच्छा है तो सब भला।

8. अंधा क्या चाहे दो आँखें

  1. गरीब को अगर धन मिल जाए तो जैसे अंधे को दो आँखें।
  2. जरूरतमंद को सहायता मिलना अंधे के दो आँखें मिलने जैसा है।
  3. विद्यार्थी को अच्छी किताब मिलना अंधे को दो आँखें मिलने जैसा है।

9. अंधा पीसे कुत्ता खाए

  1. मेहनत कोई करे और फल कोई खाए — यही तो अंधा पीसे कुत्ता खाए।
  2. किसान मेहनत करता है और व्यापारी मुनाफा कमाता है।
  3. कई बार समाज में ईमानदार मेहनत करने वाले पीछे रह जाते हैं।

10. अंधों में काना राजा

  1. कम योग्य लोगों में थोड़ा योग्य व्यक्ति भी नेता बन जाता है।
  2. गाँव में पढ़ा-लिखा कोई नहीं, इसलिए रामू वहाँ अंधों में काना राजा है।
  3. जब सब अनाड़ी हों तो थोड़ा जानने वाला भी बड़ा बन जाता है।

11. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता

  1. टीम वर्क जरूरी है, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
  2. समाज परिवर्तन अकेले व्यक्ति से नहीं होता।
  3. एक व्यक्ति की शक्ति सीमित होती है।

12. अधजल गगरी छलकत जाए

  1. जो कम जानता है, वही अधिक दिखावा करता है।
  2. रवि अधजल गगरी छलकत जाए की तरह अपने ज्ञान का घमंड दिखाता है।
  3. कम समझ वाले लोग हमेशा अपनी बुद्धि का बखान करते हैं।

13. अपना हाथ जगन्नाथ

  1. दूसरों पर निर्भर रहने से अच्छा है अपना हाथ जगन्नाथ।
  2. खुद काम करना ही सच्ची सफलता है।
  3. आत्मनिर्भर व्यक्ति ही सच्चा विजेता है।

14. अपनी अपनी डफली अपना राग

  1. मीटिंग में सब अपनी अपनी डफली अपना राग बजाने लगे।
  2. देश में हर व्यक्ति अपनी राय अलग रखता है।
  3. जब सब अपनी बात करें तो निर्णय कठिन हो जाता है।

15. अपनी करनी पार उतरनी

  1. हर व्यक्ति अपने कर्मों का फल पाता है।
  2. अच्छे कर्म करने वाला ही पार उतरता है।
  3. दूसरों को दोष देने से कुछ नहीं होता, अपनी करनी पार उतरनी।

16. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

  1. परीक्षा के बाद पढ़ने से क्या फायदा, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
  2. समय पर कार्य न करने का यही परिणाम होता है।
  3. अवसर खो जाने के बाद पछतावा बेकार है।

17. आँख का अंधा गाँठ का पूरा

  1. मुर्ख व्यक्ति धनवान हो तो भी उपयोग नहीं कर सकता।
  2. रघु सेठ आँख का अंधा गाँठ का पूरा है, समझ नहीं रखता।
  3. धनवान होने पर भी बुद्धि न हो तो क्या लाभ।

18. आँख का अंधा, नाम नयनसख

  1. नाम के विपरीत स्वभाव होना यही कहावत दर्शाती है।
  2. उसका नाम सुशील है पर वह बिल्कुल असभ्य है।
  3. व्यक्ति का नाम नहीं, कर्म उसे पहचान देते हैं।

19. आम के आम गुठलियों के दाम

  1. उसने व्यापार में आम के आम गुठलियों के दाम कमाए।
  2. परीक्षा में अच्छा नंबर और पुरस्कार दोनों मिले — आम के आम गुठलियों के दाम।
  3. काम भी हो गया और लाभ भी, यही तो असली समझदारी है।

20. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे

  1. खुद गलती की और दूसरों को डाँटना, यही उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
  2. झूठा व्यक्ति सच्चे पर आरोप लगाने लगा।
  3. चोरी करने वाला ही दूसरों को दोष देने लगा।

21. ऊँची दुकान फीका पकवान

  1. होटल की सजावट अच्छी थी लेकिन खाना बेकार, ऊँची दुकान फीका पकवान।
  2. बाहर से चमकदार लेकिन अंदर से कमजोर — यही अर्थ है।
  3. केवल दिखावे से कोई वस्तु अच्छी नहीं होती।

22. ऊँट के मुँह में जीरा

  1. इतना छोटा दान बड़े कार्य के लिए ऊँट के मुँह में जीरा है।
  2. गरीबों के लिए यह सहायता ऊँट के मुँह में जीरा समान है।
  3. बड़ी समस्या के सामने छोटी मदद बेअसर होती है।

23. एक हाथ से ताली नहीं बजती

  1. झगड़े में दोनों पक्षों की गलती होती है।
  2. अगर विवाद है तो जिम्मेदारी दोनों की है।
  3. दोष एक का नहीं, दोनों का होता है।

24. ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डरना

  1. बड़ा काम शुरू किया है तो कठिनाइयों से क्यों डरना।
  2. युद्ध में उतरे तो अब पीछे हटने का प्रश्न नहीं।
  3. जब जोखिम लिया है तो परिणाम के लिए तैयार रहो।

25. कंगाली में आटा गीला

  1. पहले से मुसीबत और ऊपर से नई परेशानी।
  2. बीमार बच्चा और अब बारिश भी, कंगाली में आटा गीला।
  3. जब एक दुख खत्म नहीं होता और दूसरा आ जाता है।

26. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा

  1. बिना मेल-जोल के चीजों को जोड़ना यही कहावत दिखाती है।
  2. उसकी योजना कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जैसी लगती है।
  3. सब कुछ इधर-उधर का जोड़कर नया प्रयोग बना दिया।

27. का बरखा जब कृषि सुखाने

  1. समय बीत जाने पर मदद का कोई अर्थ नहीं।
  2. अब सहायता देने से क्या लाभ, खेत तो सूख गया।
  3. काम समय पर करना ही सफलता है।

28. काठ की हाँड़ी बारबार नहीं चढ़ती

  1. एक ही धोखा बार-बार नहीं चलता।
  2. उसकी चालाकी अब काम नहीं आएगी, काठ की हाँड़ी बार-बार नहीं चढ़ती।
  3. झूठ और छल एक बार चल सकता है, हर बार नहीं।

29. खग ही जाने खग की भाषा

  1. समान स्वभाव वाले ही एक-दूसरे को समझते हैं।
  2. मित्रों के बीच ही सच्ची समझ होती है।
  3. पंछी पंछी की बात समझता है, यही खग ही जाने खग की भाषा।

30. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है

  1. संगति का प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है।
  2. बुरे साथ में रहकर वह भी बिगड़ गया।
  3. अच्छा संग मिल जाए तो स्वभाव सुधर जाता है।

31. खोदा पहाड़ निकली चुहिया

  1. बहुत मेहनत के बाद मामूली परिणाम मिला।
  2. उसकी योजना का परिणाम देखकर सब बोले — खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
  3. बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन काम छोटा निकला।

32. गंगा गए गंगादास यमुना गए यमुनादास

  1. अवसरवादी व्यक्ति हर जगह अपना फायदा देखता है।
  2. जो समय के अनुसार रंग बदलता है, वही गंगादास-यमुनादास कहलाता है।
  3. स्वार्थी लोग हर स्थिति में अपना लाभ ढूँढते हैं।

33. घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध

  1. अपने लोगों का सम्मान कम होता है।
  2. बाहर का व्यक्ति हमेशा अधिक प्रशंसा पाता है।
  3. घर में कोई महत्त्व नहीं देता, लेकिन बाहर सब मानते हैं।

34. घर का भेदी लंका ढाए

  1. अंदरूनी फूट से बड़ा नुकसान होता है।
  2. अपने ही व्यक्ति ने सारी योजना उजागर कर दी।
  3. दुश्मन से नहीं, अपने से डरना चाहिए।

35. जल में रहकर मगर से बैर

  1. जहाँ रहना हो वहाँ के लोगों से शत्रुता नहीं करनी चाहिए।
  2. दफ्तर में बॉस से झगड़ा करना जल में रहकर मगर से बैर जैसा है।
  3. समाज में रहकर लोगों से बैर करना हानिकारक होता है।

36. दुविधा में दोनों गए माया मिली राम

  1. अनिर्णय की स्थिति में दोनों लाभ छूट जाते हैं।
  2. उसने न इधर का काम किया न उधर का, दुविधा में दोनों गए।
  3. जो समय पर निर्णय नहीं लेता, वह सब कुछ खो देता है।

37. ऊधो का लेना माधो का देना

  1. मुझे किसी से कोई मतलब नहीं — न ऊधो का लेना न माधो का देना।
  2. वह किसी विवाद में नहीं पड़ता।
  3. तटस्थ रहना कई बार बेहतर होता है।

38. रहेगा बाँस बजेगी बाँसुरी

  1. समस्या का मूल कारण खत्म करो, फिर झंझट नहीं रहेगा।
  2. झगड़े का कारण ही मिटा दो — न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।
  3. कठिनाइयों से बचने का यही सबसे अच्छा उपाय है।

39. पर उपदेश कुशल बहुतेरे

  1. दूसरों को सलाह देना आसान है, खुद पालन करना कठिन।
  2. जो खुद कुछ नहीं करता, वही दूसरों को उपदेश देता है।
  3. सबको सुधारना आसान लगता है, खुद को सुधारना कठिन।

40. वही ढाक के तीन पात

  1. हर बार वही पुरानी स्थिति रहती है।
  2. बैठकें होती हैं पर परिणाम वही ढाक के तीन पात।
  3. योजनाएँ बनती हैं लेकिन सुधार कुछ नहीं।
1 ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया परमात्मा की लीला विचित्र होती है।
2 एक अनार सौ बीमारएक वस्तु के लिए अनेक ग्राहक होना ।
3 एक सड़ी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती हैएक व्यक्ति के कारण सारा समाज कलंकित होता है।
4 घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या काम के बदले पारिश्रमिक माँगने में कोई बुराई नहीं।
5 चोर की दाढ़ी में तिनकादोषी आदमी सदैव सशंकित रहता है।
6 नाच न जाने आँगन टेढ़अपने से काम न होने पर दसरे पर दोष मढना
7अंत भला तो सब भला परिणाम अच्छा होने पर सब अच्छा मान लिया जाता है।
8अंधा क्या चाहे दो आँखेंकिसी इच्छित वस्तु का प्राप्त होना ।
9अंधा पीसे कुत्ता खाएकमाए कोई और खाए कोई ।
10अंधों में काना राजा  गुणहीनों में थोड़ा गुणवान भी सम्मान पाता है।
11अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता अकेला व्यक्ति असमर्थ होता है।
12अधजल गगरी छलकत जाए थोड़ा धन अथवा ज्ञान वाले दिखावा अधिक करते हैं। रवि अल्पज्ञानी होने के बावजूद दिखावा अधिक करता है, मानो अधजल गगरी छलकत जाए।
13अपना हाथ जगन्नाथ स्वावलम्बी होना चाहिए।
14अपनी अपनी डफली अपनाअपना राग सबकी अलग-अलग राय होना ।
15अपनी करनी पार उतरनी अपने किए पर सफलता मिलती है ।
16अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत समय बीत जाने पर पछताने से क्या लाभ ?
17आँख का अंधा गाँठ का पुरामुर्ख धनवान रघु सेठ के व्यवहार से लगता है कि वह आँख का अन्धा गाँठ का पूरा है।
18आख का अंधा, नाम नयनसखनाम के अनुरूप गण का न होना।
19आम के आम गुठलियों के दामदोहरा लाभ / दूना फायदा उठाना।
20उल्टा चोर कोतवाल को डाँटेदोषी होकर निर्दोष को पकड़ना।
21ऊँची दुकान फीका पकवान केवल बाहरी दिखावा ।
22ऊँट के मुँह में जीराअधिक खाने वाले को थोड़ी वस्तु देना।
23एक हाथ से ताली नहीं बजतीलड़ाई में दोनों पक्ष दोषी रहते हैं।
24ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डरना कठिन कार्य को करते वक्त संकटों से नहीं डरना चाहिए।
25कंगाली में आटा गीलाअभावों में कष्ट पर कष्ट आना।
26कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ाइधर-उधर की बेमेल वस्तुओं को जोड़कर नई वस्तु बनाना।
27का बरखा जब कृषि सुखानेसमय बीत जाने पर सहायता बेकार है।
28काठ की हाँड़ी बार-बार नहीं चढ़तीछल-कपट बार-बार काम नहीं आता।
29खग ही जाने खग की भाषासाथ रहने वाले ही एक-दूसरे का स्वभाव जानते हैं।
30खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता हैएक को देखकर दूसरा भी रंग बदलता है।
31खोदा पहाड़ निकली चुहियाअधिक परिश्रम करने पर कम फल प्राप्त होना।
32गंगा गए गंगादास यमुना गए यमुनादासअवसरवादी ।
33घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्धघर के श्रेष्ठ व्यक्ति का कम सम्मान होता है।
34घर का भेदी लंका ढाएघर की फूट से हानि होती है।
35जल में रहकर मगर से बैरजहाँ रहना हो वहाँ के लोगों से दशमनी।
36दुविधा में दोनों गए माया मिली न रामकहीं का ना रहना ।
37न ऊधो का लेना न माधो का देना किसी से कोई मतलब नहीं ।
38न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी  मूल स्रोत ही समाप्त कर देना ।
39पर उपदेश कुशल बहुतेरे दूसरों को उपदेश देने में सभी चतुर होते है
40वही ढाक के तीन पातएक ही स्थिति में रहना।

Hindi muhavare – FAQ (Frequently Asked Questions)

Q1. मुहावरा क्या होता है?
👉 मुहावरा शब्दों का वह समूह होता है जिसका अर्थ उसके सामान्य अर्थ से अलग और विशेष होता है।

Q2. हिंदी मुहावरों का क्या महत्व है?
👉 हिंदी मुहावरे भाषा को प्रभावशाली, रोचक और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाते हैं।

Q3. मुहावरे और लोकोक्ति में क्या अंतर है?
👉 मुहावरे भाव प्रकट करने के लिए प्रयोग होते हैं जबकि लोकोक्ति किसी अनुभव या शिक्षा को व्यक्त करती है।

Q4. क्या मुहावरों का प्रयोग लेखन में किया जा सकता है?
👉 हाँ, मुहावरे लेख, निबंध, भाषण और संवादों में प्रयोग से भाषा सजीव और आकर्षक बनती है।

Q5. छात्रों के लिए कौन से मुहावरे सबसे उपयोगी हैं?
👉 जैसे – नाक में दम करना, आँख का तारा, नींद उड़ जाना, हाथ धो बैठना आदि अक्सर परीक्षा और दैनिक जीवन दोनों में उपयोगी हैं।

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