ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

ek budha ped aur hamare mata pita

एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

budhe maa baap

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता – एक बार इस लेख को जरुर पढ़े, और इसके मर्म को जाने, पेड का उदाहरण देकर माता पिता अनछुए बातों को दर्शाया है, माता पिता का प्यार बच्चों को ता उम्र मिलता रहता है.

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता
ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

Mata Pita par kavita – Motivational story and poem Hindi me

budhe maa baap

एक बार की बात है एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था|
एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था|
वह कभी पेड़ की डाली से लटकता कभी उस पेड़ से फल
तोड़ता तो कभी उसकी झाव में खेला कूदा करता था,
सेब का पेड़ भी अपनी शीतल छाया देता उस बच्चे से काफ़ी खुश रहता था|
कई साल इस तरह बीत गये|

समय के साथ साथ एक दिन बच्चा कहीं चला गया
और फिर लौट के नहीं आया,
पेड़ ने उसका काफ़ी इंतज़ार किया बेचैन हुआ ,
पर वह नहीं आया|
अब तो पेड़ एकांत और उदास हो गया|

Story and poem of Parents Sacrifice ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता ma baap

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता ma baap
ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता ma baap

समय बीतता गया
पर एक लम्बे अन्तराल के बाद वह बच्चा फिर से पेड़ के पास आया
पर वह अब वह कुछ काफी बड़ा हो गया था|
पेड़ उसे देखकर काफ़ी खुश हुआ
और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा|
पर बच्चा उदास होते हुए बोला कि अब वह बड़ा हो गया है
अब वह उसके साथ नहीं खेल सकता|

बच्चा बोला की अब मुझे खिलोने से खेलना अच्छा लगता है
पर मेरे पास खिलोने खरीदने के लिए पैसे नहीं है|

पेड़ बोला उदास ना हो तुम मेरे फल तोड़
लो और उन्हें बेच कर खिलोने खरीद लो|
बच्चा खुशी खुशी फल तोड़ के ले गया
लेकिन वह फिर बहुत दिनों तक वापस नहीं आया| पेड़ बहुत दुखी हुआ|

अचानक बहुत दिनों बाद बच्चा जो अब जवान हो गया था वापस आया,
पेड़ बहुत खुश हुआ और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा
पर लड़के ने कहा कि वह पेड़ के साथ नहीं खेल सकता अब मुझे कुछ पैसे चाहिए
क्यूंकी मुझे अपने बच्चों के लिए घर बनाना है|

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पेड़ बोला मेरी शाखाएँ बहुत मजबूत हैं
तुम इन्हें काट कर ले जाओ और अपना घर बना लो|

अब लड़के ने खुशी खुशी सारी शाखाएँ काट
डालीं और लेकर चला गया|
वह फिर कभी वापस नहीं आया|

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता
ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

बहुत दिनों बात जब वह वापिस आया तो बूढ़ा हो चुका था
पेड़ बोला मेरे साथ खेलो पर वह बोला की अब में बूढ़ा हो गया हूँ
अब नहीं खेल सकता|

पेड़ उदास होते हुए बोला की
अब मेरे पास ना फल हैं और ना ही लकड़ी
अब में तुम्हारी मदद भी नहीं कर सकता|

बूढ़ा बोला की अब उसे कोई सहायता नहीं चाहिए
बस एक जगह चाहिए
जहाँ वह बाकी जिंदगी आराम से गुजर सके|

पेड़ ने उसे अपने जड़ मे पनाह दी और
बूढ़ा हमेशा वहीं रहने लगा|

दोस्तों इसी पेड़ की तरह हमारे माता पिता भी होते हैं, जब हम छोटे होते हैं तो उनके साथ खेलकर बड़े होते हैं और बड़े होकर उन्हें छोड़ कर चले जाते हैं और तभी वापस आते हैं जब हमें कोई ज़रूरत होती है|

धीरे धीरे ऐसे ही जीवन बीत जाता है|

यह कविता एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता आज के समाज को आईना दिखने वाली कविता है. एक तरफ हम मदर डे, फादर्स डे मानते है वहीँ दूसरी ओर भारत में वृद्धा आश्रम की संख्या बढती जा रही है.

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ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता budhe maa baap

ek budha ped aur hamare mata pita english me

budhe maa baap

ek bar kee baat hai ek jangal mein seb ka ek bada ped tha |
ek bachcha roj us ped par khelane aaya tha |
vah kabhee ped kee chhadee se latakata kabhee us ped se phal
todata to kabhee usakee jhaav mein khela kooda karata tha,
seb ka ped bhee apanee sheetal chhaaya deta hai us bachche se kaafee khush rahata tha |
kaee saal is tarah beet gae |

samay ke saath saath ek din bachcha kaheen chala gaya
aur phir lautakar nahin aaya,
ped ne usaka kaafee intazaar kiya bechain hua,
par vah nahin aaya |
ab to ped ekaant aur udaas ho gaya |
samay beet gaya
par ek lambe ataraal ke baad vah bachcha phir se ped ke paas aaya
bada vah ab vah kuchh bahut bada ho gaya tha |
use dekhakar keph khush ho gaya
aur use apane saath khelane ke lie kaha |
par bachcha udaas hote hue bola ki ab vah bada ho gaya hai
ab vah usake saath nahin khel sakata hai |

bachcha bola kee ab mujhe khilone se khelana achchha lagata hai
ke mere paas khilone khareedane ke lie paise nahin hai |

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता
ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

ped bola udaas na ho tum mere phal todo
elo aur unhen sabase kam karane ke lie blon khareed lo |
bachcha khushee khushee phal tod ke le gaya
lekin vah phir bahut din tak vaapas nahin aaya | ped bahut dukhee hua |

achaanak bahut dinon baad bachcha jo ab javaan ho gaya tha vaapas aa gaya,
ped bahut khush hua aur usane apane saath khelane ke lie kaha
par ladake ne kaha ki vah ped ke saath nahin khel sakata hai, ab mujhe kuchh paise chaahie
kyoonkee mujhe apane bachchon ke lie ghar banaana hai |
ped bola meree shaakhaen bahut majaboot hain
tum ye kat kar le jao aur apana ghar bana lo |

ab ladake ne khushee khushee saaree shaakhaen kaat deen
nidhan aur usake baad gaya |
vah phir kabhee vaapas nahin aaya |

bahut dinon kee baat jab vah vaapis aaya to budha ho gaya tha
ped bola mere saath khelo par vah bola kee ab mein budha ho gaya hoon
ab nahin khel sakata hai |

ped udaas hote hote bola kee
ab mere paas na phal hain aur na hee lakadee
ab aapakee madad bhee nahin kar sakate hain |

boodha bola kee ab use koee sahaayata nahin karanee chaahie
ek jagah basana chaahie
jahaan vah jeevan aaraam se gujar raha hai |

ped ne use apanee jad me panaah dee aur
budha hamesha vahaan rahane laga |

ek budha ped aur hamare mata pita एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता

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उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख ” एक बुढा पेड़ और हमारे माता पिता” अच्छा लगा होगा और आपके दिल को छूने कि कोशिश कि होगी,

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