Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है

Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है

ये कहते है भारत मे डर लगता है Bharat se dar lagta hai Poem
Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है

देश में आये दिन कुछ न कुछ होता रहता है, और देश में ऐसे ढेरों विभाजन कारी नीतियों वाले लोग है जो देश कि बुराई, और देश का नुकसान करने में लगे रहते है, बात बात में ट्विटर पर fb पर social मीडिया या समाचार में सुनने को मिलता है कि इन्हें Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है, यह कविता उन्ही लोग पर है.

देश के दुश्मनों पर कविता

Desh ke Gaddaron par Kavita – sanvidhan khatare me poem

तभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

100 में से 80 बईमान फिर भी मेरा देश महान,
ऊंची है दुकान फीका है पकवान,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

करोड़ो के घोटाले नेता बात बात में कर जाते है,
भारत माता को लूटकर ये जिंदा रह जाते है।
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है। – Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है

एक के बाद एक जुल्म कर

संविधान खतरे में यह कहकर चिल्लाते है।
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

गैंगरेप का आरोपी खुद को बेकसूर बताता है,
इतने मे भी यहां वकील उसका हमदर्द बन जाता है
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

निर्भया के इंसाफ के लिए रोती बिलखती है माँ,
इस अंधे कानून को देख आरोपी हँसता रह जाता है,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

वेवजह के पब्लिक को वोट के लिये भड़काते है,
उसी वोट से ये नेता बन जाते है,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

भारत की धरती पर रहकर करते  भारत को करें बदनाम,
जिस थाली में खाते है उसी में छेद कर जाते है,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है। – Bharat se dar lagta hai Poem ये कहते है भारत मे डर लगता है

बात बात में हिन्दू मुस्लिम करके ये दिखाते है,
न जाने कितने गरीब बेचारे बेमतलब के मरे जाते,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

देश को बाटने में हर पल कोशिश करते रहते,
देश के कानून के साथ हर वक्त खेलते रहते,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

है न अजीब बात, दिल भारत का दुखाते है,
जख्म ये भारत को देते है,
तबभी भाई ये कहते है भारत मे डर लगता है।

Written by: Ramesh Kahar

Bharat se dar lagta hai
Bharat se dar lagta hai

भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी कहते है भारत में अब डर लगता है. शायद अब डर लगाना भी चाहिए. क्यूंकि ऐसी कट्टर मानसिकता के दिवालियापन के लोगो को डर तो लगना ही चाहिए. ये वो दीमक है जो देश को अंदर से खा रहे है. देश कि एकता, राष्ट्रीयता पर ये प्रश्न चिन्ह है.

sanvidhan khatare me poem

desh ke gaddaaron paar kavita
keval bhaee ye kahate hain ki Bharat se dar lagta hai.

100 mein se 80 betamain phir bhee mera desh mahaan,
oonchee hai dukaan pheeka haimpaayar,
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagata hai.

karodo ke paryatan neta baat baat mein kar rahe hai,
bhaarat maata ko lootakar ye jinda rah jaate hain.
tababhee bhaee ye kahate hain Bharat se dar lagta hai.

ek ke baad ek julm kar

kabj mein yah kahakar chillaate hai.
tababhee bhaee ye kahate hain Bharat se dar lagta hai.

gaingarep ka aaropee khud ko bakaasur bataata hai,
bahut me bhee yahaan vakeel usaka hamadard ban jaata hai
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagata hai.

nirbhaya ke insaaph ke lie rotee bilakhatee hai maan,
is andhe kaanoon ko dekhane aaropee hansata rah jaata hai,
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagata hai.

vevajah ke pablik ko vot ke lie bhadakaate hain,
usee vot se ye neta ban jaata hai,
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagata hai.

bhaarat kee dharatee par rahakar karate bhaarat ko karen badanaam,
jis plet mein khaate hain usee mein chhed kar jaate hain,,
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagata hai.

baat baat mein hindoo muslim karake ye dikhaate hai,
na jaane kitane gareeb bechaare bematalab ke mare jaate hain,
tababhee bhaee ye kahate hain bharat me dar lagta hai.

desh ko baatane mein har pal koshish karate rahana,
desh ke kaanoon ke saath har vakt khelate raho,
tababhee bhaee ye kahate hain bharat me dar lagta hai.

hai na ajeeb baat, dil bhar ka dukhaate hai,
jakhm ye bhaarat ko dena hai,
tababhee bhaee ye kahate hain bhaarat me dar lagta hai.

ये कविता आपको कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.

खुद को आइना दिखाना Khud ko aaina dikhana Poem

Bharat se dar lagta hai
Bharat se dar lagta hai

आमिर खान नाम ही काफी है, वैसे तो मै एक भारतीय होने के नाते और आम इन्सान के नाते मै ही क्या पूरा भारत इनका बहुत बड़ा फैन है. और मैं भी हूँ. तकलीफ तब होती है जब इन्हें पूरा भारत एक भारतीय के नाते इन्हें फॉलो करता है यह नहीं देखते कि यह हिदू है या मुसलमान. उसके बावजूद जब ये खुले मंच से कहते है कि भारत में intolerance है. जब दिल को ठेस पहुँचती है.

**************************************************

आपने इस post ये कहते है भारत मे डर लगता है Bharat se dar lagta hai Poem के माध्यम से बहुत कुछ जानने को मिला होगा. और आपको हमारी दी गयी जानकारी पसंद भी आया होगा. हमारी पूरी कोशिश होगी कि आपको हम पूरी जानकारी दे सके.जिससे आप को जानकारियों को जानने समझने और उसका उपयोग करने में कोई दिक्कत न हो और आपका समय बच सके. साथ ही साथ आप को वेबसाइट सर्च के जरिये और अधिक खोज पड़ताल करने कि जरुरत न पड़े.

यदि आपको लगता है इस post ये कहते है भारत मे डर लगता है Bharat se dar lagta hai Poem इसमे कुछ खामिया है और सुधार कि आवश्यकता है अथवा आपको अतिरिक्त इन जानकारियों को लेकर कोई समस्या हो या कुछ और पूछना होतो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है.

और यदि आपको ये कहते है भारत मे डर लगता है Bharat se dar lagta hai Poem की जानकरी पसंद आती है और इससे कुछ जानने को मिला और आप चाहते है दुसरे भी इससे कुछ सीखे तो आप इसे social मीडिया जैसे कि Facebook, twitter, whatsapps इत्यादि पर शेयर भी कर सकते है.

धन्यवाद!s

Share your love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *