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Indian Penal Code PDF IPC Book 1860 Book भारतीय दण्ड संहिता
indian penal code pdf in hindi IPC Book 1860 Book pdf भारतीय दण्ड संहिता pdf
भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code) किसे कहते है?
किसी भी देश, राष्ट्र, राज्य को शांति प्रिय बनाने के लिए, उसके विकास के लिए, देश की जनता को सुख और सुविधा देने में वहां की कानून व्यवस्था सबसे अधिक और जरुरी होना चाहिए.
भारतीय समाज को क़ानूनी रूप से व्यवस्थित, सुदृण, संघटित रखने के लिए सन 1860 में लार्ड मेकाले की अध्यक्षता में भारतीय दंड संहिता की नींव रखी गयी और भारतीय दंड संहिता बनाई गई थी। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) भारत की मुख्य आपराधिक कोड को संग्रह किया है। इस संहिता में भारतीय संविधान की विभिन्न आपराधिक धाराओं और उनकी सजाव दंड का उल्लेख किया गया है।
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Indian Penal code (IPC) PDF in Hindi भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धाराएं और सजा की सूची
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Indian Constitution book pdf Bhartiya Samvidhan In Hindi
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धाराओं के नाम | अपराध | सजा |
13 | जुआ खेलना/सट्टा लगाना | 1 वर्ष की सजा और 1000 रूपये जुर्माना |
34 | सामान आशय | – |
99 से 106 | व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के लिए बल प्रयोग का अधिकार | – |
110 | दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है | तीन वर्ष |
120 | षडयंत्र रचना | – |
141 | विधिविरुद्ध जमाव | – |
147 | बलवा करना | 2 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
156 (3) | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
156 | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
161 | रिश्वत लेना/देना | 3 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
171 | चुनाव में घूस लेना/देना | 1 वर्ष की सजा/500 रुपये जुर्माना |
177 | सरकारी कर्मचारी/पुलिस को गलत सूचना देना | 6 माह की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
186 | सरकारी काम में बाधा पहुँचाना | 3 माह की सजा/500 रूपये जुर्माना |
191 | झूठे सबूत देना | 7 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
193 | न्यायालयीन प्रकरणों में झूठी गवाही | 3/ 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
201 | सबूत मिटाना | – |
217 | लोक सेवक होते हुए भी झूठे सबूत देना | 2 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
216 | लुटेरे/डाकुओं को आश्रय देने के लिए दंड | – |
224/25 | विधिपूर्वक अभिरक्षा से छुड़ाना | -2 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
231/32 | जाली सिक्के बनाना | -7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
255 | सरकारी स्टाम्प का कूटकरण | 10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा |
264 | गलत तौल के बांटों का प्रयोग | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
267 | औषधि में मिलावट करना | – |
272 | खाने/पीने की चीजों में मिलावट | 6 महीने की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
274 /75 | मिलावट की हुई औषधियां बेचना | – |
279 | सड़क पर उतावलेपन/उपेक्षा से वाहन चलाना | 6 माह की सजा या 1000 रूपये का जुर्माना |
292 | अश्लील पुस्तकों का बेचना | 2 वर्ष की सजा और 2000 रूपये जुर्माना |
294 | किसी धर्म/धार्मिक स्थान का अपमान | 2 वर्ष की सजा |
302 | हत्या/कत्ल | आजीवन कारावास/मौत की सजा |
306 | आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण | 10 वर्ष की सजा और जुर्माना |
308 | गैर-इरादतन हत्या की कोशिश | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
309 | आत्महत्या करने की चेष्टा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
310 | ठगी करना | आजीवन कारावास और जुर्माना |
312 | गर्भपात करना | – |
323 | जानबूझ कर चोट पहुँचाना | – |
326 | चोट पहुँचाना | – |
351 | हमला करना | |
354 | किसी स्त्री का शील भंग करना | 2 वर्ष का कारावास/जुर्माना/दोनों |
362 | अपहरण | – |
363 | किसी स्त्री को ले भागना | 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना |
366 | नाबालिग लड़की को ले भागना | – |
376 | बलात्कार करना | 10 वर्ष/आजीवन कारावास |
377 | अप्राकृतिक कृत्य अपराध | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
379 | चोरी (सम्पत्ति) करना | 3 वर्ष का कारावास /जुर्माना/दोनों |
392 | लूट | 10 वर्ष की सजा |
395 | डकैती | 10 वर्ष या आजीवन कारावास |
396 | डकैती के दौरान हत्या | – |
406 | विश्वास का आपराधिक हनन | 3 वर्ष कारावास/जुर्माना/दोनों |
415 | छल करना | – |
417 | छल/दगा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
420 | छल/बेईमानी से सम्पत्ति अर्जित करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
445 | गृहभेदंन | – |
446 | रात में नकबजनी करना | – |
426 | किसी से शरारत करना | 3 माह की सजा/जुर्माना/दोनों |
463 | कूट-रचना/जालसाजी | – |
477(क) | झूठा हिसाब करना | – |
489 | जाली नोट बनाना/चलाना | 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास |
493 | धोखे से शादी करना | 10 वर्षों की सजा और जुर्माना |
494 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
495 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना और दोनों रिश्तें चलाना | 10 साल की सजा और जुर्माना |
496 | बगैर रजामंदी के शादी करना या जबरदस्ती विवाह करना | 07 साल की सजा और जुर्माना |
497 | जारकर्म करना | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
498 | विवाहित स्त्री को भगाकर ले जाना या धोखे से ले जाना | 2 साल का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों |
499 | मानहानि | – |
500 | मान हानि | 2 वर्ष की सजा और जुर्माना |
506 | आपराधिक धमकी देना | – |
509 | स्त्री को अपशब्द कहना/अंगविक्षेप करना | सादा कारावास या जुर्माना |
511 | आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड | – |
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Names of streams | Crime | Punishment |
13 | Gambling / betting | 1 year sentence and fine of Rs 1000 |
34 | Baggage intent | – |
99 to 106 | Right to use force for personal defense | – |
110 | Penalty of abetment, if the abusive person acts in a manner other than the intent of the abuser | three year |
120 | Conspiracy | – |
141 | Illegal set up | – |
147 | Rebel | 2 year sentence / fine or both |
156 (3) | Non-use of legal means by the agent of the owner or occupier for the benefit of which the nuisance has been committed. | Pecuniary penalty |
156 | Non-use of legal means by the agent of the owner or occupier for the benefit of which the nuisance has been committed. | Pecuniary penalty |
161 | Taking bribe | 3 year sentence / fine or both |
171 | Bribe election | 1 year sentence / fine of Rs 500 |
177 | Giving false information to government employee / police | Sentenced to 6 months / fine of Rs 1000 |
186 | Obstruct government work | Sentenced to 3 months / fine of Rs 500 |
191 | Giving false evidence | Provision for imprisonment up to 7 years and fine |
193 | False testimony in court cases | 3/7 year sentence and fine |
201 | Clear evidence | – |
217 | Giving false evidence despite being a public servant | Provision for imprisonment up to 2 years and fine |
216 | Penalties for sheltering robbers / bandits | – |
224/25 | Release from lawful custody | -2 years sentence / fine / both |
231/32 | Fake coins | -7 year sentence and fine |
255 | Codification of government stamp | 10 years or life imprisonment |
264 | Use of weights | 1 year sentence / fine or both |
267 | Adulterate the medicine | – |
272 | Adulteration of food / drink | Sentenced to 6 months / fine of Rs 1000 |
274/75 | Selling adulterated drugs | – |
279 | Driving the vehicle due to rashness / neglect on the road | 6 month sentence or fine of Rs 1000 |
292 | Selling pornographic books | Sentenced to 2 years and fine of Rs 2000 |
294 | Insult to any religion / religious place | 2 year sentence |
302 | Murder / Murder | Life imprisonment |
306 | Abetment to suicide | 10 years imprisonment and fine |
308 | Attempted culpable homicide | 7 years imprisonment and fine |
309 | Try to commit suicide | 1 year sentence / fine / both |
310 | Cheating | Life imprisonment and fine |
312 | To abort | – |
323 | Willfully hurt | – |
326 | To harm | – |
351 | to attack | |
354 | Break a woman’s modesty | 2 years imprisonment / fine / both |
362 | Abduction | – |
363 | Run away with a woman | 7 years imprisonment and fine |
366 | Run away with a minor girl | – |
376 | To rape | 10 years / life imprisonment |
377 | Unnatural act crime | 5 years imprisonment and fine |
379 | To steal | 3 years imprisonment / fine / both |
392 | booty | 10 years imprisonment |
395 | Robbery | 10 years or life imprisonment |
396 | Murder during robbery | – |
406 | Criminal breach of trust | 3 years imprisonment / fine / both |
415 | To cheat | – |
417 | To cheat | 1 year sentence / fine / both |
420 | Acquiring property by deceit / dishonesty | 7 years imprisonment and fine |
445 | House discrimination | – |
446 | Catapult at night | – |
426 | Prank someone | 3 month sentence / fine / both |
463 | Fraud / forgery | – |
477 (a) | False account | – |
489 | Fake note making | 10 years imprisonment / life imprisonment |
493 | Marry deception | 10 years imprisonment and fine |
494 | Spouse surviving second marriage | 7 years imprisonment and fine |
495 | Spouse surviving second marriage and running both relationships | 10 year sentence and fine |
496 | Get married without consent | 07 years imprisonment and fine |
497 | To do work | 5 years imprisonment and fine |
498 | Drive a married woman away | 2 years imprisonment or fine or both |
499 | Defamation | – |
500 | Loss of value | 2 year sentence and fine |
506 | Criminal intimidation | – |
509 | Abusing a woman | Plain imprisonment or fine |
511 | Penalty for attempting to commit offenses punishable by life imprisonment | – |
indian penal code pdf in hindi IPC Book 1860 Book pdf भारतीय दण्ड संहिता pdf | |
धारा 1 | संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार |
धारा 2 | भारत के भीतर किए गए अपराधों का दण्ड। |
धारा 3 | भारत से परे किए गए किन्तु उसके भीतर विधि के अनुसार विचारणीय अपराधों का दण्ड। |
धारा 4 | राज्यक्षेत्रातीत / अपर देशीय अपराधों पर संहिता का विस्तार। |
धारा 5 | कुछ विधियों पर इस अधिनियम द्वारा प्रभाव न डाला जाना। |
धारा 6 | संहिता में की परिभाषाओं का अपवादों के अध्यधीन समझा जाना। |
धारा 7 | एक बार स्पष्टीकॄत वाक्यांश का अभिप्राय। |
धारा 8 | लिंग |
धारा 9 | वचन |
धारा 10 | पुरुष। स्त्री। |
धारा 11 | व्यक्ति |
धारा 12 | जनता / जन सामान्य |
धारा 13 | क्वीन की परिभाषा |
धारा 14 | सरकार का सेवक। |
धारा 15 | ब्रिटिश इण्डिया की परिभाषा |
धारा 16 | गवर्नमेंट आफ इण्डिया की परिभाषा |
धारा 17 | सरकार। |
धारा 18 | भारत |
धारा 19 | न्यायाधीश। |
धारा 20 | न्यायालय |
धारा 21 | लोक सेवक |
धारा 22 | चल सम्पत्ति। |
धारा 23 | सदोष अभिलाभ / हानि। |
धारा 24 | बेईमानी करना। |
धारा 25 | कपटपूर्वक |
धारा 26 | विश्वास करने का कारण। |
धारा 27 | पत्नी, लिपिक या सेवक के कब्जे में सम्पत्ति। |
धारा 28 | कूटकरण। |
धारा 29 | दस्तावेज। |
धारा 30 | मूल्यवान प्रतिभूति। |
धारा 31 | बिल |
धारा 32 | कार्यों को दर्शाने वाले शब्दों के अन्तर्गत अवैध लोप शामिल है। |
धारा 33 | कार्य |
धारा 34 | सामान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य |
धारा 35 | जबकि ऐसा कार्य इस कारण आपराधिक है कि वह आपराधिक ज्ञान या आशय से किया गया है |
धारा 36 | अंशत: कार्य द्वारा और अंशत: लोप द्वारा कारित परिणाम। |
धारा 37 | कई कार्यों में से किसी एक कार्य को करके अपराध गठित करने में सहयोग करना। |
धारा 38 | आपराधिक कार्य में संपॄक्त व्यक्ति विभिन्न अपराधों के दोषी हो सकेंगे |
धारा 39 | स्वेच्छया। |
धारा 40 | अपराध। |
धारा 41 | विशेष विधि। |
धारा 42 | स्थानीय विधि |
धारा 43 | अवैध |
धारा 44 | क्षति |
धारा 45 | जीवन |
धारा 46 | मॄत्यु |
धारा 47 | जीवजन्तु |
धारा 48 | जलयान |
धारा 49 | वर्ष या मास |
धारा 50 | धारा |
धारा 51 | शपथ। |
धारा 52 | सद्भावपूर्वक। |
धारा 53 | दण्ड। |
धारा 54 | मॄत्यु दण्डादेश का रूपांतरण। |
धारा 55 | आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण |
धारा 56 | य़ूरोपियों तथा अमरीकियों को दण्ड दासता की सजा। |
धारा 57 | दण्डावधियों की भिन्नें |
धारा 58 | निर्वासन से दण्डादिष्ट अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए जब तक वे निर्वासित न कर दिए जाएं |
धारा 59 | कारावास के बदले निर्वासनट |
धारा 60 | दण्डादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा। |
धारा 61 | सम्पत्ति के समपहरण का दण्डादेश। |
धारा 62 | मॄत्यु, निर्वासन या कारावास से दण्डनीय अपराधियों की बाबत सम्पत्ति का समपहरण । |
धारा 63 | आर्थिक दण्ड/जुर्माने की रकम। |
धारा 64 | जुर्माना न देने पर कारावास का दण्डादेश |
धारा 65 | जब कि कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि |
धारा 66 | जुर्माना न देने पर किस भांति का कारावास दिया जाए। |
धारा 67 | आर्थिक दण्ड न चुकाने पर कारावास, जबकि अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो। |
धारा 68 | आर्थिक दण्ड के भुगतान पर कारावास का समाप्त हो जाना। |
धारा 69 | जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान |
धारा 70 | जुर्माने का छह वर्ष के भीतर या कारावास के दौरान वसूल किया जाना। मॄत्यु सम्पत्ति को दायित्व से उन्मुक्त नहीं करती। |
धारा 71 | कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि। |
धारा 72 | कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध का दोषी है |
धारा 73 | एकांत परिरोध |
धारा 74 | एकांत परिरोध की अवधि |
धारा 75 | पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन कतिपय अपराधों के लिए वर्धित दण्ड |
धारा 76 | विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप के विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य। |
धारा 77 | न्यायिकतः कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य |
धारा 78 | न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में किया गया कार्य |
धारा 79 | विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य |
धारा 80 | विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना। |
धारा 81 | आपराधिक आशय के बिना और अन्य क्षति के निवारण के लिए किया गया कार्य जिससे क्षति कारित होना संभाव्य है। |
धारा 82 | सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य। |
धारा 83 | सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य |
धारा 84 | विकॄतचित व्यक्ति का कार्य। |
धारा 85 | ऐसे व्यक्ति का कार्य जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है |
धारा 86 | किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है |
धारा 87 | सम्मति से किया गया कार्य जिससे मॄत्यु या घोर उपहति कारित करने का आशय न हो और न उसकी संभाव्यता का ज्ञान हो |
धारा 88 | किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सद््भावपूर्वक किया गया कार्य जिससे मॄत्यु कारित करने का आशय नहीं है |
धारा 89 | संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद््भावपूर्वक किया गया कार्य |
धारा 90 | सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है |
धारा 91 | ऐसे अपवादित कार्य जो कारित क्षति के बिना भी स्वतः अपराध है। |
धारा 92 | सहमति के बिना किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य। |
धारा 93 | सद््भावपूर्वक दी गई संसूचना |
धारा 94 | वह कार्य जिसको करने के लिए कोई व्यक्ति धमकियों द्वारा विवश किया गया है |
धारा 95 | तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य |
धारा 96 | प्राइवेट प्रतिरक्षा में की गई बातें |
धारा 97 | शरीर तथा संपत्ति की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार। |
धारा 98 | ऐसे व्यक्ति के कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जो विकॄतचित्त आदि हो |
धारा 99 | कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है |
धारा 100 | किसी की मॄत्यु कारित करने पर शरीर की निजी प्रतिरक्षा का अधिकार कब लागू होता है। |
धारा 101 | मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने के अधिकार का विस्तार कब होता है। |
धारा 102 | शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना। |
धारा 103 | कब संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मॄत्यु कारित करने तक का होता है |
धारा 104 | मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने तक के अधिकार का विस्तार कब होता है। |
धारा 105 | सम्पत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना |
धारा 106 | घातक हमले के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार जब कि निर्दोष व्यक्ति को अपहानि होने की जोखिम है |
धारा 107 | किसी बात का दुष्प्रेरण |
धारा 108 | दुष्प्रेरक। |
धारा 108क | भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण |
धारा 109 | अपराध के लिए उकसाने के लिए दण्ड, यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। |
धारा 110 | दुष्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है। |
धारा 111 | दुष्प्रेरक का दायित्व जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है। |
धारा 112 | दुष्प्रेरक कब दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दण्डनीय है |
धारा 113 | दुष्प्रेरित कार्य से कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो। |
धारा 114 | अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति। |
धारा 115 | मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण |
धारा 116 | कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण |
धारा 117 | सामान्य जन या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण। |
धारा 118 | मॄत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना |
धारा 119 | किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक द्वारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है |
धारा 120 | कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना। |
धारा 120क | आपराधिक षड््यंत्र की परिभाषा |
धारा 120ख | आपराधिक षड््यंत्र का दंड |
धारा 121 | भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या युद्ध करने का प्रयत्न करना या युद्ध करने का दुष्प्रेरण करना। |
धारा 121क | धारा 121 द्वारा दंडनीय अपराधों को करने का षड््यंत्र |
धारा 122 | भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि संग्रहित करना। |
धारा 123 | युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना। |
धारा 124 | किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करना |
धारा 124क | राजद्रोह |
धारा 125 | भारत सरकार से मैत्री संबंध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति के विरुद्ध युद्ध करना |
धारा 126 | भारत सरकार के साथ शांति का संबंध रखने वाली शक्ति के राज्यक्षेत्र में लूटपाट करना। |
धारा 127 | धारा 125 और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली गई सम्पत्ति प्राप्त करना। |
धारा 128 | लोक सेवक का स्वेच्छया राजकैदी या युद्धकैदी को निकल भागने देना। |
धारा 129 | लोक सेवक का उपेक्षा से किसी कैदी का निकल भागना सहन करना। |
धारा 130 | ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना |
धारा 131 | विद्रोह का दुष्प्रेरण या किसी सैनिक, नौसेनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना |
धारा 132 | विद्रोह का दुष्प्रेरण यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए। |
धारा 133 | सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी जब कि वह अधिकारी अपने पद |
धारा 134 | हमले का दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप हमला किया जाए। |
धारा 135 | सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण। |
धारा 136 | अभित्याजक को संश्रय देना |
धारा 137 | मास्टर की उपेक्षा से किसी वाणिज्यिक जलयान पर छुपा हुआ अभित्याजक |
धारा 138 | सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का दुष्प्रेरण। |
धारा 138क | पूर्वोक्त धाराओं का भारतीय सामुद्रिक सेवा को लागू होना |
धारा 139 | कुछ अधिनियमों के अध्यधीन व्यक्ति। |
धारा 140 | सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली पोशाक पहनना या प्रतीक चिह्न धारण करना। |
धारा 141 | विधिविरुद्ध जनसमूह। |
धारा 142 | विधिविरुद्ध जनसमूह का सदस्य होना। |
धारा 143 | गैरकानूनी जनसमूह का सदस्य होने के नाते दंड |
धारा 144 | घातक आयुध से सज्जित होकर विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित होना। |
धारा 145 | किसी विधिविरुद्ध जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिया गया है, में जानबूझकर शामिल होना या बने रहना |
धारा 146 | उपद्रव करना। |
धारा 147 | बल्वा करने के लिए दंड |
धारा 148 | घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना। |
धारा 149 | विधिविरुद्ध जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य का अभियोजन करने में किए गए अपराध का दोषी। |
धारा 150 | विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित करने के लिए व्यक्तियों का भाड़े पर लेना या भाड़े पर लेने के लिए बढ़ावा देना। |
धारा 151 | पांच या अधिक व्यक्तियों के जनसमूह जिसे बिखर जाने का समादेश दिए जाने के पश्चात् जानबूझकर शामिल होना या बने रहना |
धारा 152 | लोक सेवक के उपद्रव / दंगे आदि को दबाने के प्रयास में हमला करना या बाधा डालना। |
धारा 153 | उपद्रव कराने के आशय से बेहूदगी से प्रकोपित करना |
धारा 153क | धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म |
धारा 153ख | राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान |
धारा 154 | उस भूमि का स्वामी या अधिवासी, जिस पर ग़ैरक़ानूनी जनसमूह एकत्रित हो |
धारा 155 | व्यक्ति जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो का दायित्व |
धारा 156 | उस स्वामी या अधिवासी के अभिकर्ता का दायित्व, जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया जाता है |
धारा 157 | विधिविरुद्ध जनसमूह के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना। |
धारा 158 | विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना |
धारा 159 | दंगा |
धारा 160 | उपद्रव करने के लिए दण्ड। |
धारा 161 से 165 | लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के विषय में |
धारा 166 | लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना। |
धारा 166क | कानून के तहत महीने दिशा अवहेलना लोक सेवक |
धारा 166ख | अस्पताल द्वारा शिकार की गैर उपचार |
धारा 167 | लोक सेवक, जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है। |
धारा 168 | लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है |
धारा 169 | लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से संपत्ति क्रय करता है या उसके लिए बोली लगाता है। |
धारा 170 | लोक सेवक का प्रतिरूपण। |
धारा 171 | कपटपूर्ण आशय से लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करना। |
धारा 171क | अभ्यर्थी, निर्वाचन अधिकार परिभाषित |
धारा 171ख | रिश्वत |
धारा 171ग | निर्वाचनों में असम्यक्् असर डालना |
धारा 171घ | निर्वाचनों में प्रतिरूपण |
धारा 171ङ | रिश्वत के लिए दण्ड |
धारा 171च | निर्वाचनों में असम्यक् असर डालने या प्रतिरूपण के लिए दण्ड |
धारा 171छ | निर्वाचन के सिलसिले में मिथ्या कथन |
धारा 171ज | निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय |
धारा 171झ | निर्वाचन लेखा रखने में असफलता |
धारा 172 | समनों की तामील या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना |
धारा 173 | समन की तामील का या अन्य कार्यवाही का या उसके प्रकाशन का निवारण करना। |
धारा 174 | लोक सेवक का आदेश न मानकर गैर |
धारा 175 | दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति का लोक सेवक को 1[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] पेश करने का लोप |
धारा 176 | सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप। |
धारा 177 | झूठी सूचना देना। |
धारा 178 | शपथ या प्रतिज्ञान से इंकार करना, जबकि लोक सेवक द्वारा वह वैसा करने के लिए सम्यक् रूप से अपेक्षित किया जाए |
धारा 179 | प्रश्न करने के लिए प्राधिकॄत लोक सेवक को उत्तर देने से इंकार करना। |
धारा 180 | कथन पर हस्ताक्षर करने से इंकार |
धारा 181 | शपथ दिलाने या अभिपुष्टि कराने के लिए प्राधिकॄत लोक सेवक के, या व्यक्ति के समक्ष शपथ या अभिपुष्टि पर झूठा बयान। |
धारा 182 | लोक सेवक को अपनी विधिपूर्ण शक्ति का उपयोग दूसरे व्यक्ति की क्षति करने के आशय से झूठी सूचना देना |
धारा 183 | लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा संपत्ति लिए जाने का प्रतिरोध |
धारा 184 | लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा डालना। |
धारा 185 | लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति का अवैध क्रय या उसके लिए अवैध बोली लगाना। |
धारा 186 | लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना। |
धारा 187 | लोक सेवक की सहायता करने का लोप, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो |
धारा 188 | लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। |
धारा 189 | लोक सेवक को क्षति करने की धमकी |
धारा 190 | लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी। |
धारा 191 | झूठा साक्ष्य देना। |
धारा 192 | झूठा साक्ष्य गढ़ना। |
धारा 193 | मिथ्या साक्ष्य के लिए दंड |
धारा 194 | मॄत्यु से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि कराने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना। |
धारा 195 | आजीवन कारावास या कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्धि प्राप्त करने के आशय से झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना |
धारा 196 | उस साक्ष्य को काम में लाना जिसका मिथ्या होना ज्ञात है |
धारा 197 | मिथ्या प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना |
धारा 198 | प्रमाणपत्र जिसका नकली होना ज्ञात है, असली के रूप में प्रयोग करना। |
धारा 199 | विधि द्वारा साक्ष्य के रूप में लिये जाने योग्य घोषणा में किया गया मिथ्या कथन। |
धारा 200 | ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में प्रयोग करना। |
धारा 201 | अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए झूठी जानकारी देना। |
धारा 202 | सूचना देने के लिए आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की सूचना देने का साशय लोप। |
धारा 203 | किए गए अपराध के विषय में मिथ्या इत्तिला देना |
धारा 204 | साक्ष्य के रूप में किसी 3[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] का पेश किया जाना निवारित करने के लिए उसको नष्ट करना |
धारा 205 | वाद या अभियोजन में किसी कार्य या कार्यवाही के प्रयोजन से मिथ्या प्रतिरूपण |
धारा 206 | संपत्ति को समपहरण किए जाने में या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से निवारित करने के लिए उसे कपटपूर्वक हटाना या छिपाना |
धारा 207 | संपत्ति पर उसके जब्त किए जाने या निष्पादन में अभिगॄहीत किए जाने से बचाने के लिए कपटपूर्वक दावा। |
धारा 208 | ऐसी राशि के लिए जो शोध्य न हो कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना |
धारा 209 | बेईमानी से न्यायालय में मिथ्या दावा करना |
धारा 210 | ऐसी राशि के लिए जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री अभिप्राप्त करना |
धारा 211 | क्षति करने के आशय से अपराध का झूठा आरोप। |
धारा 212 | अपराधी को संश्रय देना। |
धारा 213 | अपराधी को दंड से प्रतिच्छादित करने के लिए उपहार आदि लेना |
धारा 214 | अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरूप उपहार की प्रस्थापना या संपत्ति का प्रत्यावर्तन |
धारा 215 | चोरी की संपत्ति इत्यादि के वापस लेने में सहायता करने के लिए उपहार लेना |
धारा 216 | ऐसे अपराधी को संश्रय देना, जो अभिरक्षा से निकल भागा है या जिसको पकड़ने का आदेश दिया जा चुका है। |
धारा 216क | लुटेरों या डाकुओं को संश्रय देने के लिए शास्ति |
धारा 216ख | धारा 212, धारा 216 और धारा 216क में संश्रय की परिभाषा |
धारा 217 | लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति के समपहरण से बचाने के आशय से विधि के निदेश की अवज्ञा |
धारा 218 | किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या लेख की रचना |
धारा 219 | न्यायिक कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का लोक सेवक द्वारा भ्रष्टतापूर्वक किया जाना |
धारा 220 | प्राधिकार वाले व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए या परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी |
धारा 221 | पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का साशय लोप |
धारा 222 | दंडादेश के अधीन या विधिपूर्वक सुपुर्द किए गए व्यक्ति को पकड़ने के लिए आबद्ध लोक सेवक द्वारा पकड़ने का साशय लोप |
धारा 223 | लोक सेवक द्वारा उपेक्षा से परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना। |
धारा 224 | किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा। |
धारा 225 | किसी अन्य व्यक्ति के विधि के अनुसार पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा |
धारा 225क | उन दशाओं में जिनके लिए अन्यथा उपबंध नहीं है लोक सेवक द्वारा पकड़ने का लोप या निकल भागना सहन करना |
धारा 225ख | अन्यथा अनुपबंधित दशाओं में विधिपूर्वक पकड़ने में प्रतिरोध या बाधा या निकल भागना या छुड़ाना |
धारा 226 | निर्वासन से विधिविरुद्ध वापसी। |
धारा 227 | दंड के परिहार की शर्त का अतिक्रमण |
धारा 228 | न्यायिक कार्यवाही में बैठे हुए लोक सेवक का साशय अपमान या उसके कार्य में विघ्न |
धारा 228क | कतिपय अपराधों आदि से पीड़ित व्यक्ति की पहचान का प्रकटीकरण |
धारा 229 | जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण। |
धारा 230 | सिक्का की परिभाषा |
धारा 231 | सिक्के का कूटकरण |
धारा 232 | भारतीय सिक्के का कूटकरण |
धारा 233 | सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना |
धारा 234 | भारतीय सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना |
धारा 235 | सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री उपयोग में लाने के प्रयोजन से उसे कब्जे में रखना |
धारा 236 | भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण |
धारा 237 | कूटकॄत सिक्के का आयात या निर्यात |
धारा 238 | भारतीय सिक्के की कूटकॄतियों का आयात या निर्यात |
धारा 239 | सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था |
धारा 240 | उस भारतीय सिक्के का परिदान जिसका कूटकॄत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था |
धारा 241 | किसी सिक्के का असली सिक्के के रूप में परिदान, जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, कूटकॄत होना नहीं जानता था |
धारा 242 | कूटकॄत सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उस समय उसका कूटकॄत होना जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था |
धारा 243 | भारतीय सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उसका कूटकॄत होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था |
धारा 244 | टकसाल में नियोजित व्यक्ति द्वारा सिक्के को उस वजन या मिश्रण से भिन्न कारित किया जाना जो विधि द्वारा नियत है |
धारा 245 | टकसाल से सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रूप से लेना |
धारा 246 | कपटपूर्वक या बेईमानी से सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना |
धारा 247 | कपटपूर्वक या बेईमानी से भारतीय सिक्के का वजन कम करना या मिश्रण परिवर्तित करना |
धारा 248 | इस आशय से किसी सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए |
धारा 249 | इस आशय से भारतीय सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए |
धारा 250 | ऐसे सिक्के का परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है |
धारा 251 | भारतीय सिक्के का परिदान जो इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है |
धारा 252 | ऐसे व्यक्ति द्वारा सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया |
धारा 253 | ऐसे व्यक्ति द्वारा भारतीय सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया |
धारा 254 | सिक्के का असली सिक्के के रूप में परिदान जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, परिवर्तित होना नहीं जानता था |
धारा 255 | सरकारी स्टाम्प का कूटकरण |
धारा 256 | सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री कब्जे में रखना |
धारा 257 | सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना |
धारा 258 | कूटकॄत सरकारी स्टाम्प का विक्रय |
धारा 259 | सरकारी कूटकॄत स्टाम्प को कब्जे में रखना |
धारा 260 | किसी सरकारी स्टाम्प को, कूटकॄत जानते हुए उसे असली स्टाम्प के रूप में उपयोग में लाना |
धारा 261 | इस आशय से कि सरकार को हानि कारित हो, उस पदार्थ पर से, जिस पर सरकारी स्टाम्प लगा हुआ है, लेख मिटाना या दस्तावेज से वह स्टाम्प हटाना जो उसके लिए उपयोग में लाया गया है |
धारा 262 | ऐसे सरकारी स्टाम्प का उपयोग जिसके बारे में ज्ञात है कि उसका पहले उपयोग हो चुका है |
धारा 263 | स्टाम्प के उपयोग किए जा चुकने के द्योतक चिन्ह का छीलकर मिटाना |
धारा 263क | बनावटी स्टाम्पों का प्रतिषेघ |
धारा 264 | तोलने के लिए खोटे उपकरणों का कपटपूर्वक उपयोग |
धारा 265 | खोटे बाट या माप का कपटपूर्वक उपयोग |
धारा 266 | खोटे बाट या माप को कब्जे में रखना |
धारा 267 | खोटे बाट या माप का बनाना या बेचना |
धारा 268 | लोक न्यूसेन्स |
धारा 269 | उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो |
धारा 270 | परिद्वेषपूर्ण कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रम फैलना संभाव्य हो |
धारा 271 | करन्तीन के नियम की अवज्ञा |
धारा 272 | विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण। |
धारा 273 | अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय |
धारा 274 | औषधियों का अपमिश्रण |
धारा 275 | अपमिश्रित ओषधियों का विक्रय |
धारा 276 | ओषधि का भिन्न औषधि या निर्मिति के तौर पर विक्रय |
धारा 277 | लोक जल |
धारा 278 | वायुमण्डल को स्वास्थ्य के लिए अपायकर बनाना |
धारा 279 | सार्वजनिक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हांकना |
धारा 280 | जलयान का उतावलेपन से चलाना |
धारा 281 | भ्रामक प्रकाश, चिन्ह या बोये का प्रदर्शन |
धारा 282 | अक्षमकर या अति लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण |
धारा 283 | लोक मार्ग या पथ |
धारा 284 | विषैले पदार्थ के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण |
धारा 285 | अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण। |
धारा 286 | विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण |
धारा 287 | मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण |
धारा 288 | किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण |
धारा 289 | जीवजन्तु के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण। |
धारा 290 | अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक बाधा के लिए दण्ड। |
धारा 291 | न्यूसेन्स बन्द करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना |
धारा 292 | अश्लील पुस्तकों आदि का विक्रय आदि। |
धारा 2925क | विमर्शित और विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों |
धारा 292क | Printing,etc, of grossly indecent or securrilous matter or matter intended for blackmail |
धारा 293 | तरुण व्यक्ति को अश्लील वस्तुओ का विक्रय आदि |
धारा 294 | अश्लील कार्य और गाने |
धारा 294क | लाटरी कार्यालय रखना |
धारा 295 | किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना। |
धारा 296 | धार्मिक जमाव में विघ्न करना |
धारा 297 | कब्रिस्तानों आदि में अतिचार करना |
धारा 298 | धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से शब्द उच्चारित करना आदि। |
धारा 299 | आपराधिक मानव वध |
धारा 300 | हत्या |
धारा 301 | जिस व्यक्ति की मॄत्यु कारित करने का आशय था उससे भिन्न व्यक्ति की मॄत्यु करके आपराधिक मानव वध करना। |
धारा 302 | हत्या के लिए दण्ड |
धारा 303 | आजीवन कारावास से दण्डित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड। |
धारा 304 | हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड |
धारा 304क | उपेक्षा द्वारा मॄत्यु कारित करना |
धारा 304ख | दहेज मॄत्यु |
धारा 305 | शिशु या उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण। |
धारा 306 | आत्महत्या का दुष्प्रेरण |
धारा 307 | हत्या करने का प्रयत्न |
धारा 308 | गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास |
धारा 309 | आत्महत्या करने का प्रयत्न। |
धारा 310 | ठग। |
धारा 311 | ठगी के लिए दण्ड। |
धारा 312 | गर्भपात कारित करना। |
धारा 313 | स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना। |
धारा 314 | गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मॄत्यु। |
धारा 315 | शिशु का जीवित पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात् उसकी मॄत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य। |
धारा 316 | ऐसे कार्य द्वारा जो गैर |
धारा 317 | शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का परित्याग और अरक्षित डाल दिया जाना। |
धारा 318 | मॄत शरीर के गुप्त व्ययन द्वारा जन्म छिपाना |
धारा 319 | क्षति पहुँचाना। |
धारा 320 | घोर आघात। |
धारा 321 | स्वेच्छया उपहति कारित करना |
धारा 322 | स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना |
धारा 323 | जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड |
धारा 324 | खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना |
धारा 325 | स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड |
धारा 326 | खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक घोर उपहति कारित करना |
धारा 326क | एसिड हमले |
धारा 326ख | एसिड हमला करने का प्रयास |
धारा 327 | संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छापूर्वक चोट पहुँचाना। |
धारा 328 | अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा क्षति कारित करना। |
धारा 329 | सम्पत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना |
धारा 330 | संस्वीकॄति जबरन वसूली करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया क्षति कारित करना। |
धारा 331 | संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना |
धारा 332 | लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना |
धारा 333 | लोक सेवक को अपने कर्तव्यों से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया घोर क्षति कारित करना। |
धारा 334 | प्रकोपन पर स्वेच्छया क्षति करना |
धारा 335 | प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना |
धारा 336 | दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा पहुँचाने वाला कार्य। |
धारा 337 | किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना |
धारा 338 | किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, गंभीर चोट पहुँचाना कारित करना |
धारा 339 | सदोष अवरोध। |
धारा 340 | सदोष परिरोध या गलत तरीके से प्रतिबंधित करना। |
धारा 341 | सदोष अवरोध के लिए दण्ड |
धारा 342 | ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए दण्ड। |
धारा 343 | तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध। |
धारा 344 | दस या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध। |
धारा 345 | ऐसे व्यक्ति का सदोष परिरोध जिसके छोड़ने के लिए रिट निकल चुका है |
धारा 346 | गुप्त स्थान में सदोष परिरोध। |
धारा 347 | सम्पत्ति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध। |
धारा 348 | संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन करने के लिए सदोष परिरोध |
धारा 349 | बल। |
धारा 350 | आपराधिक बल |
धारा 351 | हमला। |
धारा 352 | गम्भीर प्रकोपन के बिना हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड |
धारा 353 | लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग |
धारा 354 | स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग |
धारा 354क | यौन उत्पीड़न |
धारा 354ख | एक औरत नंगा करने के इरादे के साथ कार्य |
धारा 354ग | छिप कर देखना |
धारा 354घ | पीछा |
धारा 355 | गम्भीर प्रकोपन होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग |
धारा 356 | हमला या आपराधिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली संपत्ति की चोरी का प्रयास। |
धारा 357 | किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग। |
धारा 358 | गम्भीर प्रकोपन मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग |
धारा 359 | व्यपहरण |
धारा 360 | भारत में से व्यपहरण। |
धारा 361 | विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण |
धारा 362 | अपहरण। |
धारा 363 | व्यपहरण के लिए दण्ड |
धारा 363क | भीख मांगने के प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय का व्यपहरण का विकलांगीकरण |
धारा 364 | हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण करना। |
धारा 364क | फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण। |
धारा 365 | किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण। |
धारा 366 | विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना |
धारा 366क | अप्राप्तवय लड़की का उपापन |
धारा 366ख | विदेश से लड़की का आयात करना |
धारा 367 | व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण। |
धारा 368 | व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छिपाना या क़ैद करना। |
धारा 369 | दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण |
धारा 370 | मानव तस्करी |
धारा 371 | दासों का आभ्यासिक व्यवहार करना। |
धारा 372 | वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को बेचना। |
धारा 373 | वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को खरीदना। |
धारा 374 | विधिविरुद्ध बलपूर्वक श्रम। |
धारा 375 | बलात्संग |
धारा 376 | बलात्कार के लिए दण्ड |
धारा 376क | पॄथक् कर दिए जाने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ संभोग्र |
धारा 376ख | लोक सेवक द्वारा अपनी अभिरक्षा में की किसी स्त्री के साथ संभोग |
धारा 376ग | जेल, प्रतिप्रेषण गॄह आदि के अधीक्षक द्वारा संभोग |
धारा 376घ | अस्पताल के प्रबन्ध या कर्मचारिवॄन्द आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग |
धारा 377 | प्रकॄति विरुद्ध अपराध |
धारा 378 | चोरी |
धारा 379 | चोरी के लिए दंड |
धारा 380 | निवास |
धारा 381 | लिपिक या सेवक द्वारा स्वामी के कब्जे में संपत्ति की चोरी। |
धारा 382 | चोरी करने के लिए मॄत्यु, क्षति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी करना। |
धारा 383 | उद्दापन / जबरन वसूली |
धारा 384 | ज़बरदस्ती वसूली करने के लिए दण्ड। |
धारा 385 | ज़बरदस्ती वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना। |
धारा 386 | किसी व्यक्ति को मॄत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर ज़बरदस्ती वसूली करना। |
धारा 387 | ज़बरदस्ती वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को मॄत्यु या घोर आघात के भय में डालना। |
धारा 388 | मॄत्यु या आजीवन कारावास, आदि से दंडनीय अपराध का अभियोग लगाने की धमकी देकर उद्दापन |
धारा 389 | जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का आरोप लगाने के भय में डालना। |
धारा 390 | लूट। |
धारा 391 | डकैती |
धारा 392 | लूट के लिए दण्ड |
धारा 393 | लूट करने का प्रयत्न। |
धारा 394 | लूट करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना |
धारा 395 | डकैती के लिए दण्ड |
धारा 396 | हत्या सहित डकैती। |
धारा 397 | मॄत्यु या घोर आघात कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती। |
धारा 398 | घातक आयुध से सज्जित होकर लूट या डकैती करने का प्रयत्न। |
धारा 399 | डकैती करने के लिए तैयारी करना। |
धारा 400 | डाकुओं की टोली का होने के लिए दण्ड |
धारा 401 | चोरों के गिरोह का होने के लिए दण्ड। |
धारा 402 | डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना। |
धारा 403 | सम्पत्ति का बेईमानी से गबन / दुरुपयोग। |
धारा 404 | मॄत व्यक्ति की मॄत्यु के समय उसके कब्जे में सम्पत्ति का बेईमानी से गबन / दुरुपयोग। |
धारा 405 | आपराधिक विश्वासघात। |
धारा 406 | विश्वास का आपराधिक हनन |
धारा 407 | कार्यवाहक, आदि द्वारा आपराधिक विश्वासघात। |
धारा 408 | लिपिक या सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन |
धारा 409 | लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन |
धारा 410 | चुराई हुई संपत्ति |
धारा 411 | चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना |
धारा 412 | ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है। |
धारा 413 | चुराई हुई संपत्ति का अभ्यासतः व्यापार करना। |
धारा 414 | चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना। |
धारा 415 | छल |
धारा 416 | प्रतिरूपण द्वारा छल |
धारा 417 | छल के लिए दण्ड। |
धारा 418 | इस ज्ञान के साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के लिए अपराधी आबद्ध है |
धारा 419 | प्रतिरूपण द्वारा छल के लिए दण्ड। |
धारा 420 | छल करना और बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु / संपत्ति देने के लिए प्रेरित करना |
धारा 421 | लेनदारों में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना |
धारा 422 | त्रऐंण को लेनदारों के लिए उपलब्ध होने से बेईमानी से या कपटपूर्वक निवारित करना |
धारा 423 | अन्तरण के ऐसे विलेख का, जिसमें प्रतिफल के संबंध में मिथ्या कथन अन्तर्विष्ट है, बेईमानी से या कपटपूर्वक निष्पादन |
धारा 424 | सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना |
धारा 425 | रिष्टि / कुचेष्टा। |
धारा 426 | रिष्टि के लिए दण्ड |
धारा 427 | कुचेष्टा जिससे पचास रुपए का नुकसान होता है |
धारा 428 | दस रुपए के मूल्य के जीवजन्तु को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि |
धारा 429 | किसी मूल्य के ढोर, आदि को या पचास रुपए के मूल्य के किसी जीवजन्तु का वध करने या उसे विकलांग करने आदि द्वारा कुचेष्टा। |
धारा 430 | सिंचन संकर्म को क्षति करने या जल को दोषपूर्वक मोड़ने द्वारा रिष्टि |
धारा 431 | लोक सड़क, पुल, नदी या जलसरणी को क्षति पहुंचाकर रिष्टि |
धारा 432 | लोक जल निकास में नुकसानप्रद जलप्लावन या बाधा कारित करने द्वारा रिष्टि |
धारा 433 | किसी दीपगॄह या समुद्री |
धारा 434 | लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न के नष्ट करने या हटाने आदि द्वारा रिष्टि |
धारा 435 | सौ रुपए का या (कॄषि उपज की दशा में) दस रुपए का नुकसान कारित करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा। |
धारा 436 | गॄह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा। |
धारा 437 | किसी तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के आशय से कुचेष्टा। |
धारा 438 | धारा 437 में वर्णित अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई कुचेष्टा के लिए दण्ड। |
धारा 439 | चोरी, आदि करने के आशय से जलयान को साशय भूमि या किनारे पर चढ़ा देने के लिए दण्ड। |
धारा 440 | मॄत्यु या उपहति कारित करने की तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि |
धारा 441 | आपराधिक अतिचार। |
धारा 442 | गॄह |
धारा 443 | प्रच्छन्न गॄह |
धारा 444 | रात्रौ प्रच्छन्न गॄह |
धारा 445 | गॄह |
धारा 446 | रात्रौ गॄह |
धारा 447 | आपराधिक अतिचार के लिए दण्ड। |
धारा 448 | गॄह |
धारा 449 | मॄत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गॄह |
धारा 450 | अपजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गॄह |
धारा 451 | कारावास से दण्डनीय अपराध को करने के लिए गॄह |
धारा 452 | बिना अनुमति घर में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी, हमला या गलत तरीके से दबाव बनाना |
धारा 453 | प्रच्छन्न गॄह |
धारा 454 | कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह |
धारा 455 | उपहति, हमले या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् प्रच्छन्न गॄह |
धारा 456 | रात में छिप कर गॄह |
धारा 457 | कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए रात में छिप कर गॄह |
धारा 458 | क्षति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के करके रात में गॄह |
धारा 459 | प्रच्छन्न गॄह |
धारा 460 | रात्रौ प्रच्छन्न गॄह |
धारा 461 | ऐसे पात्र को, जिसमें संपत्ति है, बेईमानी से तोड़कर खोलना |
धारा 462 | उसी अपराध के लिए दंड, जब कि वह ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसे अभिरक्षा न्यस्त की गई है |
धारा 463 | कूटरचना |
धारा 464 | मिथ्या दस्तावेज रचना |
धारा 465 | कूटरचना के लिए दण्ड। |
धारा 466 | न्यायालय के अभिलेख की या लोक रजिस्टर आदि की कूटरचना |
धारा 467 | मूल्यवान प्रतिभूति, वसीयत, इत्यादि की कूटरचना |
धारा 468 | छल के प्रयोजन से कूटरचना |
धारा 469 | ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचन्न |
धारा 470 | कूटरचित 2[दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेखट |
धारा 471 | कूटरचित दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना |
धारा 472 | धारा 467 के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकॄत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना |
धारा 473 | अन्यथा दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकॄत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना |
धारा 474 | धारा 466 या 467 में वर्णित दस्तावेज को, उसे कूटरचित जानते हुए और उसे असली के रूप में उपयोग में लाने का आशय रखते हुए, कब्जे में रखना |
धारा 475 | धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिह्न की कूटकॄति बनाना या कूटकॄत चिह्नयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना |
धारा 476 | धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिह्न की कूटकॄति बनाना या कूटकॄत चिह्नयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना |
धारा 477 | विल, दत्तकग्रहण प्राधिकार |
धारा 477क | लेखा का मिथ्याकरण |
धारा 478 | व्यापार चिह्न |
धारा 479 | सम्पत्ति |
धारा 480 | मिथ्या व्यापार चिह्न का प्रयोग किया जाना |
धारा 481 | मिथ्या सम्पत्ति |
धारा 482 | मिथ्या सम्पत्ति |
धारा 483 | अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाए गए सम्पत्ति चिह्न का कूटकरण |
धारा 484 | लोक सेवक द्वारा उपयोग में लाए गए चिह्न का कूटकरण |
धारा 485 | सम्पत्ति |
धारा 486 | कूटकॄत सम्पत्ति |
धारा 487 | किसी ऐसे पात्र के ऊपर मिथ्या चिह्न बनाना जिसमें माल रखा है |
धारा 488 | किसी ऐसे मिथ्या चिह्न को उपयोग में लाने के लिए दण्ड |
धारा 489 | क्षति कारित करने के आशय से सम्पत्ति |
धारा 489क | करेन्सी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण |
धारा 489ख | कूटरचित या कूटकॄत करेंसी नोटों या बैंक नोटों को असली के रूप में उपयोग में लाना |
धारा 489ग | कूटरचित या कूटकॄत करेन्सी नोटों या बैंक नोटों को कब्जे में रखना |
धारा 489घ | करेन्सी नोटों या बैंक नोटों की कूटरचना या कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री बनाना या कब्जे में रखना |
धारा 489ङ | करेन्सी नोटों या बैंक नोटों से सदृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग |
धारा 490 | समुद्र यात्रा या यात्रा के दौरान सेवा भंग |
धारा 491 | असहाय व्यक्ति की परिचर्या करने की और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की संविदा का भंग |
धारा 492 | दूर वाले स्थान पर सेवा करने का संविदा भंग जहां सेवक को मालिक के खर्चे पर ले जाया जाता है |
धारा 493 | विधिपूर्ण विवाह का धोखे से विश्वास उत्प्रेरित करने वाले पुरुष द्वारा कारित सहवास। |
धारा 494 | पति या पत्नी के जीवनकाल में पुनः विवाह करना |
धारा 495 | वही अपराध पूर्ववर्ती विवाह को उस व्यक्ति से छिपाकर जिसके साथ आगामी विवाह किया जाता है। |
धारा 496 | विधिपूर्ण विवाह के बिना कपटपूर्वक विवाह कर्म पूरा करना। |
धारा 497 | व्यभिचार |
धारा 498 | विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या निरुद्ध रखना |
धारा 498A | किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना |
धारा 499 | मानहानि |
धारा 500 | मानहानि के लिए दण्ड। |
धारा 501 | मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना। |
धारा 502 | मानहानिकारक विषय रखने वाले मुद्रित या उत्कीर्ण सामग्री का बेचना। |
धारा 503 | आपराधिक अभित्रास। |
धारा 504 | शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना |
धारा 505 | लोक रिष्टिकारक वक्तव्य। |
धारा 506 | धमकाना |
धारा 507 | अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास। |
धारा 508 | व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करके कि वह दैवी अप्रसाद का भाजन होगा कराया गया कार्य |
धारा 509 | शब्द, अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित है |
धारा 510 | शराबी व्यक्ति द्वारा लोक स्थान में दुराचार। |
धारा 511 | आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने का प्रयत्न करने के लिए दण् |
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