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Hindi Alphabet | Hindi aksharmala | Hindi varnamala | Hindi Letters
Hindi Alphabet | हिंदी वर्णमाला | hindi alphabet list
अंग्रेजी भाषा की तरह, हिंदी भाषा में भी अक्षर (हिंदी वर्णमाला) होते हैं, उन्हें स्वर (स्वर) और व्यंजन (व्यंजन) के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है। अंग्रेजी भाषा के A to Z अक्षरों में स्वर और व्यंजन हैं। जिसमे ५ स्वर (Vowels) और २१ व्यंजन( Consonants) है । ठीक इसी तरह हिंदी में भी स्वर और व्यंजन होते हैं।
हिंदी में सभी स्वर समूह को मिलाकर १३ स्वर हैं और व्यंजन समूह को मिलाकर ३९ व्यंजन हैं। लेखन के आधार पर 52 अक्षर हैं जिनमें 13 स्वर और 39 व्यंजन हैं। मानक हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 35 व्यंजन हैं। जबकि, परंपरागत रूप से, हिंदी वर्णमाला में 13 स्वर और 33 व्यंजन हैं।
आप देख सकते हैं कि स्वर और व्यंजन की गिनती अलग-अलग दी गई है – विभिन्न पुस्तकों या प्रकाशनों में लेखन प्रणाली के विकास और मानकीकरण प्रक्रिया के कारण अलग-अलग समय-समय पर बदलाव होते रहे है। हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखना और टाइप करना है। यहाँ संदर्भ के लिए हिंदी अक्षर का एक चार्ट है।
वर्णों की माला को वर्णमाला Hindi Alphabet कहते है भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है. और ध्वनी को वर्ण कहते है. वर्ण के दो प्रकार है. जिसमे कुल ५२ व मूल स्वरुप में ४४ होते है. 11 स्वर, ४ अन्तस्थ व्यंजन, ४ सयुंक्त व्यंजन, १ अनुस्वार, २५ स्पर्श व्यंजन, ४ उष्म व्यंजन, २ द्विगुण और १ विसर्ग अक्षर होते होते है.
Hindi Vowels | स्वर
जो वर्ण एक ही उच्चारण करने पर एक ही प्रकार की ध्वनि बनाते है उसे स्वर कहते है.
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हिन्दी में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ, इन अक्षरों को ‘स्वर’ के नाम से भी जाना जाता है। स्वर दो प्रकार के होते हैं। पहला एक स्वतंत्र स्वर है, जिसका प्रयोग एक शब्दांश की शुरुआत में किया जाता है। दूसरा एक आश्रित स्वर है, जिसका प्रयोग तब किया जाता है जब स्वर एक व्यंजन का अनुसरण करता है।
एक स्वर, एक शब्दांश भाषण ध्वनि है जो मुखर पथ में बिना किसी सख्ती के उच्चारित होती है। हिन्दी भाषा के वर्णमाला में लेखन के आधार पर 13 स्वर होते हैं। स्वरों को हिन्दी में स्वर (स्वर) कहते हैं। मूल स्वर 11 व २ अयोगवाह स्वर अं, अ: को शामिल कर १३ स्वर होते है.
13 स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ, अं (अनुस्वरा), अ: (विसर्ग) = 10 +3 = 13.
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ : मूल स्वर.
ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ: – आश्रित स्वर .
स्वरों का वर्गीकरण:
हृस्व स्वर : जिनके उच्चारण में कम समय लगता उसे हृस्व स्वर कहते है. जैसे : अ, इ, उ.
दीर्घ स्वर : जिनके उच्चारण में हृस्व स्वरों के उच्चारण में दुगुना या अधिक समय लगता है उसे दीर्घ स्वर कहते है. : जैसे : आ, ई, ऊ,ऐ, ओ, औ.
प्लुत स्वर : जिनके उच्चारण में हृस्व स्वरों के उच्चारण में कई गुना अधिक समय लगता है उसे प्लुत स्वर कहते है. : जैसे : रा SSS, ओSSSम
नोट 1 – भारत सरकार हिंदी भाषा के लिए स्वरों की गिनती 11 तक सीमित रखती है, अंतिम दो वास्तव में संस्कृत भाषा में प्रयुक्त होते हैं।
नोट 2 – ‘ऋ’ को वास्तव में अर्ध स्वर के रूप में जाना जाता है, लेकिन भारत सरकार इसे गिनती में पूरा रखती है।
Hindi Consonants | व्यंजन
जिन वर्णों के उच्चारण में दो ध्वनियाँ होती है, मतलब की उच्चारण से दो वर्ण की पहचान हो और जिन्हें स्वरों की सहायता से बोला जाये उसे व्यंजन कहते है.
हिन्दी में क, ख, ग, घ, ढ, च, छ, ज, झ, ञ, त, ठ… ‘व्यंजन’ कहा जाता है। उन्हें आम तौर पर एक मूल रूप माना जाता है जिसमें एक अंतर्निहित ‘ए’ ध्वनि के साथ एक व्यंजन होता है। नीचे दी गई तालिका 36 व्यंजन अक्षर और उनके उच्चारण को दर्शाती है।
कलात्मक ध्वन्यात्मकता में, एक व्यंजन एक भाषण ध्वनि है जिसे मुखर पथ के पूर्ण या आंशिक रूप से बंद करने के साथ व्यक्त किया जाता है। उदाहरण हैं, होठों से उच्चारित; जीभ के आगे आदि से उच्चारित किया जाता है। व्यंजन को हिंदी में वंजन (व्यंजन) के रूप में जाना जाता है। हिंदी व्यंजन के लिए 39 अक्षर नीचे दिए गए हैं:
33 व्यंजन - क, ख, ग, घ, ढ, च, छ, ज, झ, ञ, त, ठ, द, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ , म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह 4 संयुक्त व्यंजन - क्ष, त्र, ज्ञ, श्र 2 बाइनरी व्यंजन - र ढ़ा। कुल = 33 (व्यंजन) + 4 (संयुक्त व्यंजन) + 2 (द्विआधारी व्यंजन) = 39 व्यंजन।
यह दिए गए व्यंजनों को स्पर्श व्यंजन भी कहते है. : २५ व्यंजन.
क वर्ग : क ख ग घ ङ –
च वर्ग : च छ ज च ञ–
ट वर्ग : ट ठ ड ढ ण –
त वर्ग : त थ द ध न –
प वर्ग : प फ ब भ म –
य र ल व – अर्ध स्वर कहलाता है. श ष स ह क्ष त्र ज्ञ
Hindi alphabet with sounds | hindi letters
भारतीय भाषाओं की वर्णमाला में रोचक बात यह की यह विज्ञान, तर्क से भरी हुई है। हिंदी वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना व संगति के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है।
- कंठ: क ख ग घ ङ – वर्णमाला के इन पांच के इस समूह को “कंठव्य” कहा जाता है क्योंकि इस का उच्चारण करते हुए कंठ से ध्वनि निकलती है।
- तालू: च छ ज च ञ– वर्णमाला के इन पांचों को “तालव्य” कहा जाता है क्योंकि इस उच्चारण के दौरान जीभ तालू से ध्वनि निकलती है।
- मूर्धा: ट ठ ड ढ ण – वर्णमाला के इन पाँचों को “मुर्धन्य” कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय मूर्धा से ध्वनि निकलती है।
- दन्त: त थ द ध न – वर्णमाला के पांच के इस समूह को “दंत्य” कहा जाता है क्योंकि इस उच्चारण के दौरान जीभ दांतों को छूती है।
- ओठ: प फ ब भ म – वर्णमाला के पांच के इस समूह को “ओष्ठ्य” जाता है क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं।
- य र ल व – अर्ध स्वर कहलाता है.
- श ष स ह क्ष त्र ज्ञ
इसी प्रकार स्वर अक्षर को भी बोलते समय हम अपने मुंह के अंगो का उपयोग करते है.
- अ, आ : कंठव्य
- इ, ई : तालव्य
- उ, ऊ: ओठ
- ए, ऐ : कंठव्य और तालव्य
- ओ, औ : कन्थोष्ठय
- अं : नासिक्य
- अ: कंठव्य
अन्तस्थ व्यंजन – य, र, ल,व
जिन वर्गों का उच्चारण वर्णमाला के बीच स्वरों व व्यंजनों के बीच होता हो उसे अन्तस्थ व्यंजन कहते है.
संघर्षी / ऊष्म व्यंजन : श, स, ष, ह
जिन वर्गों का उच्चारण करते समय मुंह से निकलने वाली हवा घर्षण करते हुए बाहर निकलती हो और मुंह से गर्म हवा निकले उसे ही संघर्षी / ऊष्म व्यंजन कहते है.
उत्क्षित व्यंजन – द्विगुण व्यंजन
वर्णमाला में जो वर्ण शब्दों के रूप में नीचे अनुस्वार बिंदु के साथ प्रयोग के रूप में लाये जाते है, वे उत्क्षित व्यंजन – द्विगुण व्यंजन कहलाते है. इसे बोलते समय हमारी जीभ पहले ऊपर की और उठती है, फिर जीभ मूर्धन्य उच्चारण पर आ जाती है.
जैसे : ङ , ढ़।
संयुक्त व्यंजन : क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
संयुक्त व्यंजनों का निर्माण
क्ष: क़ +ष
ज्ञ: ज+ ञ
त्र: त+र
श्र: ष+र
अघोष व्यंजन – सघोष व्यंजन :
अघोष व्यंजन : जिन वर्णों के उच्चारण में गले के पास कंपन न हो उसे अघोष व्यंजन कहते है, सभी स्पर्श व्यंजन वर्ग के शुरवाती दो वर्ण अघोष व्यंजन कहलाते है.
क वर्ग : क ख
च वर्ग : च छ
ट वर्ग : ट ठ
त वर्ग : त थ
प वर्ग : प फ
सघोष व्यंजन : जिन वर्णों के उच्चारण में गले के पास कंपन हो उसे सघोष व्यंजन कहते है, सभी स्पर्श व्यंजन वर्ग के अंतिम ३ वर्ण सघोष व्यंजन कहलाते है.
क वर्ग : ग घ ङ
च वर्ग : ज च ञ
ट वर्ग : ड ढ ण
त वर्ग : द ध न
प वर्ग : ब भ म
अल्प प्राण – महाप्राण
प्राण से यहाँ अर्थ है वायु – हवा.
अल्प प्राण : जिन व्यंजन के उच्चारण में मुंह से कम प्राण निकले मतलब की कम हवा निकले उसे अल्प प्राण कहते है.
जैसे प्रत्येक वर्ग समूह का पहला, तीसरा और पांचवा वर्ण अल्प प्राण कहलाता है.
महाप्राण : जिन व्यंजन के उच्चारण में मुंह से अधिक प्राण निकले मतलब की ज्यादा हवा निकले उसे महाप्राण कहते है.
जैसे प्रत्येक वर्ग समूह का दूसरा, और चौथा वर्ण महा प्राण कहलाता है.
यहाँ समझो : जब हम वर्ण ‘क’ का उच्चारण करते है तब मुहं से कम हवा निकलती है. पर ठीक उसके अगले वर्ण ‘ख’ का उचारण करते है तब मुंह से अधिक दाब और हवा निकलती है.
उसके बाद जब हम वर्ण ‘ग’ का उच्चारण करते है तब मुहं से कम हवा निकलती है. पर ठीक उसके अगले वर्ण ‘घ’ का उचारण करते है तब मुंह से अधिक दाब और हवा निकलती है.
और अंत में ड के उच्चारण में फिर से कम हवा निकलती है.
इस प्रकार व्यंजन के क्रम १,३,५, वाले वर्ण अल्प प्राण और २, ४ वाले वर्ण महा प्राण कहलाते है.
Hindi Numerals / Hindi Number
हिंदी अंक हिंदी लिपि में अंक लिखने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रतीक हैं। उनका उपयोग लैटिन संख्याओं के बजाय दशमलव संख्या लिखने के लिए किया जाता है।
अंक लिखित प्रतीक हैं जिनका उपयोग संख्याओं को दर्शाने के लिए किया जाता है। हिंदी भाषा के अपने अंक चिह्न नीचे सूचीबद्ध हैं:
हिन्दी अंक ० १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९
अंग्रेजी अंक 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9
hindi alphabet in english
क KA | ख KHA | ग GA | घ GHA | ड NA |
च CHA | छ CHHA | ज JA | झ JHA | NA |
ट TA | ठ THA | ड DA | ढ DHA | ण NA |
त TA | थ THA | द DA | ध DHA | न NA |
प PA | फ PHA, FA | ब BA | भ BHA | म MA |
य YA | र RA | ल LA | व VA | श SHA |
स SA | ष SHA | ह HA | क्ष KSHA | त्र TRA |
ज्ञ GYA |
Hindi Alphabet Features
- हिंदी वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी जाती है जिसकी उत्पत्ति ब्राह्मी लिपि में हुई है।
- हिंदी बाएं से दाएं लिखी जाती है जो अंग्रेजी के समान है।
- हिंदी में प्रत्येक वर्ण की अपनी एक पंक्ति होती है। उदाहरण के लिए (क, ख, ग)। साथ ही, हिंदी में पूर्ण शब्दों को उसके ऊपर एक क्षैतिज रेखा खींचकर समूहीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, (हिन्दी में)।
- हिंदी की अपनी अंक प्रणाली है जिसका उपयोग अंक लिखने के लिए किया जाता है।
- हिंदी वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर की अपनी स्वतंत्र और विशिष्ट ध्वनि होती है। यानी हिंदी के शब्दों का उच्चारण ठीक वैसे ही किया जाता है जैसे वे लिखे जाते हैं। इसलिए हिंदी सीखना बहुत आसान है।
- अवधि या पूर्ण विराम की तरह, वाक्य के अंत में एक लंबवत दायां स्ट्रोक का उपयोग वाक्य के अंत में संकेत करने के लिए किया जाता है।
Interesting Facts about Hindi Language हिंदी भाषा के बारे में रोचक तथ्य
- हिंदी विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- 14 सितंबर 1949 को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी के अनुकूलन को चिह्नित करने के लिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
- दुनिया भर में 435 मिलियन से अधिक हिंदी भाषा बोली जाती है
- अंग्रेजी ने हिंदी से कई शब्द उधार लिए हैं। उदाहरण के लिए, बंगला, गुरु, जंगल, ठग, योग और बहुत कुछ।
- ‘हिंदी’ शब्द की उत्पत्ति फारसी से हुई है और उन्होंने इसका इस्तेमाल भारतीय लोगों को संदर्भित करने के लिए किया था
- हिंदी के अधिकांश शब्द अरबी और फारसी शब्दों से लिए गए हैं।
- बिहार पहला राज्य था जिसने अंग्रेजों के शासन के दौरान 1881 में उर्दू के बजाय हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था।
- हिंदी में हर संज्ञा का अपना पुरुष या स्त्रीलिंग होता है।
- हिंदी की चार क्षेत्रीय किस्में हैं। वे हैं: उच्च हिंदी, साहित्यिक हिंदी, नागरी हिंदी और मानक हिंदी।
Hindi at a glance हिंदी एक नजर में
हिंदी (हिंदी, हिंदी), भारत में मुख्य रूप से बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है। हिंदी अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ भारत की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह देवनागरी लिपि में लिखी गई है, और दुनिया भर में 498 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। नीचे त्वरित सारांश है:
Pronunciation: | [`ɦɪndiː] |
Native Name: | Hindi (हिन्दी) |
Number of Speakers: | 490 million |
Language family: | Indo-European |
First Written: | 4th century AD |
Writing System: | Devanagari Script (देवनागरी) |
Spoken in: | Mauritius, Fiji, Suriname, Guyana, Trinidad & Tabago, Bangladesh, Pakistan, Sri Lanka |
Status: | Official language of the Government of India; Official Language of Bihar, Delhi, Haryana, Himachal Pradesh, Chhattisgarh, Jharkhand, Madhya Pradesh, Rajasthan, Uttar Pradesh and Uttarakhand states. |
Two digit language code: | hi |
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